जी हां, आपका प्रिय मोबाइल फोन आपकी हर बात का रिकॉर्ड रख रहा है, आप कहां जा रहे हैं, किससे मिलने जा रहे हैं और किससे बातें कर रहे हैं. यह आपका व्यक्तिगत उपकरण तो है लेकिन आपसे बेवफाई कर रहा है. अमेरिका के बड़े समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट ने यह खबर दी है.
अखबार के मुताबिक निगरानी करने वाले उपकरण बनाने वाली कंपनियां ऐसे यंत्र बना रही हैं जिन्हें दुनिया भर की खुफिया एजेंसियां और सरकारें खरीद रही हैं. वे ऐसे यंत्र बना रही हैं जो हर उस व्यक्ति की गतिविधि पर निगाहें रखती हैं, जिसके पास एक अदद मोबाइल फोन है और वह व्यक्ति चाहे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो.
इस तकनीक को सर्वेलॉन्स टेक्नोलॉजी कहते हैं. यह सेलुलर नेटवर्क के मूल मंत्र को जानती है. हर मोबाइल हर वक्त कहीं न कहीं से जुड़ा होता है ताकि उसका यूजर कभी भी और कहीं से कम्युनिकेट कर सके. वह ग्राहक की लोकेशन के हर पल का रिकॉर्ड रखता है. निगरानी करने वाले उपकरण इन रिकॉर्डों को हथियाते रहते हैं ताकि यूजर की हर गतिविधि का उन्हें पता लगता रहे. जाने-अनजाने में मोबाइल उन्हें वह डेटा उपलब्ध कराता रहता है.
दुनिया की सबसे बड़ी जासूसी एजेंसी नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) और ब्रिटेन की GCHQ इन उपकरणों के जरिये लंबे समय से दुनिया भर में अपने शिकारों को चुपचाप ट्रैक करती रही है. वे सेलुलर फोन के डेटा के जरिये हर कुछ पता लगाती रहती हैं. लेकिन अब तो ऐसे उपकरण आ गए हैं कि जिनसे कोई भी देश किसी भी व्यक्ति की सटीक निगरानी कहीं से कर सकता है और उसकी गतिविधियों कि पूरी जानकारी पा सकता है.
एक कंप्यूटर के जरिए यह काम आसानी से हो सकता है. वह वांछित सेलुलर फोन के नंबर को रिकॉर्ड करने के बाद उसकी गतिविधियां बताता रहता है. वह सेलुलर टॉवरों के जरिए लोकेशन का दूसरे देश में बैठे-बैठे पता लगा लेता है. दुनिया भर के देश अब ऐसे सर्वेलॉन्स सिस्टम खरीद रहे हैं जिनसे मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों के बारे में सभी कुछ पता चल रहा है. उनके लोकेशन से लेकर अन्य डेटा वे हथिया रहे हैं.
एक विदेशी कंपनी डिफेनटेक तो ऐसे सिस्टम बना भी रही है और दावा कर रही है कि वह दुनिया के किसी भी फोन को ट्रैक कर सकती है. इसी तरह स्काईलॉक नाम का एक सिस्टम फोन यूजर के बारे में कहीं से भी कुछ भी पता लगा सकता है. आजकल कई ऐसे एप्लीकेशंस भी आ गए हैं जिनसे आप यूजर के लोकेशन का पता लगा सकते हैं. कई माता-पिता अपने बच्चों के फोन में ऐसे एप्लीकेशन लगाते भी हैं. लेकिन अब ऐसे उपकरण भी आ गए हैं, जिनसे बिना स्वीकृति के भी जानकारी ली जा सकती है.
समस्या यह है कि किसी तानाशाह देश के शासक इस टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर सकते हैं. इसी तरह अपराधी गैंग, हैकर वगैरह इसका दुरुपयोग कर सकते हैं. भारत सहित कई देशों में सेलुलर फोन की निगरानी पर प्रतिबंध है लेकिन दूसरे देशों में बैठकर जो लोग ऐसा कर रहे हैं उन पर रोक कैसे लगेगी, यह विचारणीय प्रश्न है.