पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में 28 साल के एक युवक की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. घटना नबद्वीप ब्लॉक के स्वरूपगंज की है. मृतक का नाम कृष्ण देवनाथ है. देवनाथ 3 जुलाई की शाम अपने घर लौट रहा था, इसी दरम्यान उसके साथ यह वाकया हुआ. बाद में खून से लथपथ कृष्ण देवनाथ एक स्थानीय क्लब के पास पाया गया.
कृष्ण देवनाथ की गंभीर हालत को देखते हुए लोगों ने उसे बगल के शांतिनगर अस्पताल में दाखिल कराया. समय के साथ उसकी तबीयत और बिगड़ती गई, इसलिए डॉक्टरों ने कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया. वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. देवनाथ चेन्नई में शेफ का काम करता था और पिछले हफ्ते नवद्वीप में छुट्टियों में अपने घर आ रहा था.
बंगाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का आरोप है कि देवनाथ उसका समर्थक था और जय श्रीराम बोलने के कारण उसकी हत्या कर दी गई. हालांकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इन आरोपों से पल्ला झाड़ा है और कहा है कि इस हत्या का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. टीएमसी के मुताबिक, पीड़ित युवक नशे में था और उसने एक स्थानीय महिला के साथ छेड़खानी की. इससे गुस्साए लोगों ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी. मृत युवक के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने पहली नजर में इस हत्या में किसी राजनीतिक साजिश से इनकार किया है.
नबद्वीप के एक बीजेपी नेता ने कहा, "तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने राम का नाम बोलने पर उसकी पिटाई की. तृणमूल हमारे कार्यकर्ताओं को डराने के लिए इस तरह की क्रूरता कर रही है. हमने सड़क इसलिए जाम किया, क्योंकि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की."
घटना के बारे में पूछने पर बीजेपी के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में जय श्री राम कहने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीट रही है, जबकि पुलिस उन्हें जेल में डाल रही है. घोष ने आरोप लगाया, "टीएमसी दावा करती है कि देश भर में लोगों को जय श्रीराम न बोलने पर पीट-पीट कर मार डाला जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम बोलने पर लोगों पर हमला किया जा रहा है, मार डाला जा रहा है और जेलों में डाला जा रहा है."
स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने हालांकि इस दावे को खारिज कर दिया है. पार्टी के ग्राम पंचायत प्रमुख, सिराजुल शेख ने कहा, "इस घटना का जय श्री राम बोलने से कोई लेना-देना नहीं है. वह व्यक्ति शराब पी रखा था और उसने स्थानीय महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके कारण स्थानीय लोगों ने उसकी पिटाई की. इस घटना से तृणमूल का कोई नाता नहीं है."