राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश होने से पहले लगातार गणित बदलता जा रहा है. मोदी सरकार के पास ऊपरी सदन में बहुमत नहीं है उसके बावजूद भी बिल को पास कराने की पूरी कोशिश की जा रही है. जगन मोहन रेड्डी की YSR कांग्रेस पार्टी इस बिल का राज्यसभा में समर्थन करेगी लेकिन वह कुछ मुद्दों को भी उठाएगी.
YSR कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी की ओर से इस बिल में कुछ और देशों को शामिल करने की मांग की जाएगी, साथ ही किसी धार्मिक समुदाय के उल्लेख का भी पार्टी विरोध कर रही है. इन मुद्दों को पार्टी सदन में रखेगी, लेकिन इस बिल के समर्थन में वोट भी करेगी. राज्यसभा में पार्टी के दो सांसद हैं.
वहीं दूसरी ओर केसीआर की TRS इस बिल के विरोध में वोट करने जा रही है. सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले राज्यों की GST बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खत लिख 4500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया देने की मांग की थी. इसी को लेकर TRS के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
पार्टी के सांसद केशव राव का कहना है कि पार्टी राज्यसभा में बिल के विरोध में वोट करेगी. हालांकि, भाजपा कोशिश कर रही है कि GST के मुद्दे को लेकर TRS को राज्यसभा से वॉकआउट करा दिया जाए, ताकि वह विरोध में वोट ना कर सके. राज्यसभा में TRS के 6 सांसद हैं.
इन दो पार्टियों के अलावा शिवसेना के रुख पर भी हर किसी की नजर बनी हुई है. क्योंकि लोकसभा में पार्टी ने बिल का समर्थन किया है, जबकि राज्यसभा में विरोध की बात कर रही है. राज्यसभा में बहुमत के लिए 121 का आंकड़ा चाहिए, एनडीए के पास अकेले दम पर 102 का आंकड़ा है बाकि कुछ अन्य दल भी उनके साथ हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.