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यूसुफ पठान को ‘ट्वेंटी-20’ टैग हटने की उम्मीद

‘ट्वेंटी20’ के खिलाड़ी के नाम से मशहूर यूसुफ पठान ने दलीप ट्रॉफी फाइनल में दोहरा शतक जमाकर अपनी काबिलियत का नमूना पेश किया, लेकिन वह चाहते हैं कि लंबे प्रारूप में प्रदर्शन को देखते हुए उनके नाम से यह ‘टी-20 का टैग’ हटा लिया जाये.

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‘ट्वेंटी20’ के खिलाड़ी के नाम से मशहूर यूसुफ पठान ने दलीप ट्रॉफी फाइनल में दोहरा शतक जमाकर अपनी काबिलियत का नमूना पेश किया, लेकिन वह चाहते हैं कि लंबे प्रारूप में प्रदर्शन को देखते हुए उनके नाम से यह ‘टी-20 का टैग’ हटा लिया जाये.

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टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले यूसुफ ने कहा, ‘‘मैं अपनी टीम को जीत दिलाकर बहुत खुश हूं. यह मेरा पहला दोहरा शतक था, मुझे इससे भी काफी खुशी हुई. लेकिन सबसे बड़ी खुशी की बात इतिहास रचना है.’’ बड़ौदा के इस ऑल राउंडर ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से कैरियर की सबसे अच्छी पारी भी है क्योंकि पहली पारी में मैंने 108 और फिर दूसरी में दोहरा शतक जमाया. लेकिन मैं इससे पहले भी प्रथम श्रेणी में 187 रन की पारी खेल चुका हूं जिसमें मैंने 10 विकेट भी चटकाये थे, जो इससे पहले मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. अब उम्मीद लगाये हूं कि शायद मेरे नाम से ‘ट्वेंटी-20 टैग’ हट जाये.’’

पश्चिम क्षेत्र ने दलीप ट्रॉफी के फाइनल में दक्षिण क्षेत्र के खिलाफ यूसुफ पठान के दोहरे शतक की बदौलत तीन विकेट से जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया था क्योंकि अब तक कोई भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कोई भी टीम 536 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत नहीं सकी है.

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यूसुफ से यह पूछे जाने पर कि क्या यह पारी उनके नाम पर लगा ‘ट्वेंटी-20’ टैग हटाने में मदद करेगी तो उन्होंने कहा, ‘‘पता नहीं यह टी-20 का टैग मेरे नाम पर क्यों लगा हुआ है. हम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ज्यादातर चार दिवसीय मैच ही खेलते हैं. इसमें हालांकि 50 ओवर और टी-20 मैच भी शामिल होते हैं, लेकिन रणजी, दलीप ट्रॉफी में हम लंबे प्रारूप का क्रिकेट ही खेलते हैं.’’ भारतीय टीम की ओर से यूसुफ ने अपना अंतिम वनडे मैच सेंचुरियन में पाकिस्तान के खिलाफ 26 सितंबर 2009 में खेला था. {mospagebreak}

उन्होंने माना कि टीम इंडिया का हिस्सा होकर बाहर हो जाना काफी बुरा लगता है क्योंकि बाहर होने के बाद जगह बनाना काफी मुश्किल हो जाता है. टीम में वापसी के बारे में इस ऑलराउंडर ने कहा, ‘‘टीम से बाहर होना काफी बुरा लगता है. लेकिन मैं सिर्फ अपने प्रदर्शन पर ध्यान लगाता हूं क्योंकि हमारा काम अपने खेल से चयनकर्ताओं को प्रभावित करना है. वैसे टीम में एक एक स्थान के लिये काफी प्रतिस्पर्धा होती है क्योंकि प्रतिभाओं की कमी नहीं है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘अभी हमें प्रथम श्रेणी में देवधर ट्रॉफी खेलनी है और ट्वेंटी-20 मैच भी होंगे. मैं अपने इसी शानदार प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए चयनकर्ताओं का ध्यान आकषिर्त करना चाहता हूं.’’ पाकिस्तान के खिलाफ 2008 में वनडे कैरियर का आगाज करने वाले यूसुफ से जब ऑल राउंडर शाहिद अफरीदी के उस बयान के बारे में पूछा गया, जिसमें इस पाकिस्तान खिलाड़ी ने कहा था कि सभी टीमें गेंद से ‘छेड़छाड़’ करती हैं तो यूसुफ ने जोर से हंसते हुए कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया. मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता क्योंकि मैंने आज तक किसी को ऐसा (गेंद को दांत से काटते) करते हुए नहीं देखा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं, लेकिन मैंने अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी कोई चीज नहीं देखी.’’

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यूसुफ हालांकि भारतीय टीम में शामिल होने के मौके को नहीं भुना पाये और उन्होंने 30 मैचों में 247 रन बनाकर 17 विकेट अपने नाम किये हैं, वहीं 11 ट्वेंटी-20 मैचों में उन्होंने 122 रन बनाकर महज छह विकेट हासिल किये हैं. यूसुफ ने दलीप ट्रॉफी के मैच में 190 गेंद में 210 रन की नाबाद पारी खेली, जिसमें 19 चौके और 10 छक्के जड़े थे. अपनी आक्रामक पारी के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बल्लेबाजी का स्टाइल ही आक्रामकता है और मैं अपने इसी अंदाज में खेलना पंसद करता हूं.’’

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