1993 मुंबई ब्लास्ट की दोषी जैबुन्निसा अनवर काजी को भी सुप्रीम कोर्ट से मोहलत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने जैबुन्निसा को सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया है. जैबुन्निसा के अलावा इशहाक मोहम्मद, शहरीफ अब्दुल और केसी बाबू अदजानिया को भी सुप्रीम कोर्ट से चार हफ्ते की मोहलत मिली है.
इस फैसले के बाद, मुंबई बम ब्लास्ट मामले में अब तक कुल आठ लोगों को सरेंडर करने के लिए मोहलत मिली है. इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अल्ताफ अली, युसूफ नलवाला और ईसा मेमन के सरेंडर करने की मियाद चार हफ्ते बढ़ाई थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को मानवीय आधार पर सरेंडर करने के लिए और चार हफ्ते का वक्त दे दिया था.
गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जैबुन्निसा, इशहाक मोहम्मद और शहरीफ अब्दुल की इसी अर्जी को खारिज कर दिया था. लेकिन संजय दत्त को मोहलत दिए जाने के बाद इन तीनों ने गुरुवार सुबह फिर से याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है.
जैबुन्निसा के अलावा इशहाक मोहम्मद और शहरीफ अब्दुल 1993 मुंबई बम ब्लास्ट मामले में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाए गए हैं. इन तीनों को 5 साल की सजा मिली है. वहीं, संजय दत्त भी अवैध रूप से हथियार रखने के दोषी पाए गए थे. उन्हें भी पांच साल की सजा हुई है.
कौन है जैबुन्निसा अनवर काजी?
मुंबई की रहने वाली जैबुन्निसा की उम्र इस वक्त 70 साल की है. वो किडनी की बीमारी से जूझ रही हैं. उन्होने कोर्ट में भी इसी बात का हवाला दिया था कि उनकी तबीयत बहुत खराब है. ऐसे में जेल जाना उनकी जान के लिए खतरनाक हो सकता है. जैबुन्निसा पर भी मुंबई बम धमाके में आर्म्स ऐक्ट के तहत मामला बना था. उन्हे भी 5 साल की सजा मिली है. जैबुन्निसा पर अपने घर में हथियारों से भरे बैग को रखने का आरोप है. इन हथियारों का इस्तेमाल बाद में मुंबई विस्फोट में हुआ था. दरअसल जैबुन्निसा मुबई के जिस मोहल्ले में रहती थीं अबू सलेम उनका पड़ोसी था. अबू सलेम ने ही हथियारों से भरा बैग जैबुन्निसा के घर में छिपाया था.