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राम मंदिर निर्माण को लेकर बहस तेज, कानून बनाने पर की गई चर्चा

राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो चुकी है. बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी का कहना है कि मंदिर निर्माण के लिए एक कानून लाने के बारे में नेताओं के जरिए दिए गए बयानों पर चर्चा की है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो चुकी है. बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी का कहना है कि मंदिर निर्माण के लिए एक कानून लाने के बारे में नेताओं के जरिए दिए गए बयानों पर चर्चा की है.

साथ ही उन्होंने कहा, 'हम लोगों ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और दूसरे नेताओं के जरिए दिए गए बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.'

बाबरी एक्शन कमेटी ने कहा कि ऐसा लगता है कि वर्तमान यूपी सरकार एक निश्चित समुदाय की सरकार के रूप में काम कर रही है. हमने बैठक में फैसला किया है कि अगर राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाने पर सरकार का कोई प्रयास है, तो हम इसे SC में चुनौती देंगे.

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बैठक में इस बात पर चिन्ता व्यक्त की गयी कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार 1950 में दाखि़ल मुकदमे में यूपी सरकार, जिला मजिस्ट्रेट आदि की ओर से दाखि़ल किए जाने वाले तहरीरी बयान (लिखित बयान) के अनुसार काम नहीं कर रही है, क्योंकि उपरोक्त जवाब में यूपी सरकार और ज़िलाधिकारी यह मान चुके हैं कि बाबरी मस्जिद में मुसलमान सैकडों वर्षों से नमाज़ पढ़ते रहे हैं और उसमें हिन्दुओं ने कभी पूजा नहीं की है.

कमेटी को सुप्रीम कोर्ट में चल रहे बाबरी मस्जिद मुकदमे की वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराया गया और बताया गया कि 16 अगस्त 2019 को या उसके बाद सुनवाई की तारीख़ मुक़र्रर होने की सम्भावना है.

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