मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड आतंकी जकीउर रहमान लखवी भारत की तमाम आपत्तियों के बावजूद पाकिस्तान में रिहा होकर खुली हवा में सांस ले रहा है. भारत की गुप्तचर संस्था रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का मानना है कि रिहाई के बाद लखवी न सिर्फ भारत बल्कि पूरे मीडिल ईस्ट के लिए घातक साबित होने वाला है.
रॉ ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री कार्यालय को इस बाबत एक रिपोर्ट सौंपी है. इसमें लिखा गया है कि पाकिस्तान की जेल से रिहाई के बाद लखवी पूरे मीडिल ईस्ट के लिए खतरा बन सकता है. रॉ के मुताबिक, 26/11 हमले का मास्टरमाइंड सीरिया में लश्कर-ए-तैयबा और अलकायदा के लड़ाकों को फिर से सक्रिय करने की फिराक में हैं.
गौरतलब है कि आतंकी लखवी 10 अप्रैल को पाकिस्तान की जेल से रिहा हुआ है. रॉ के मुताबिक, लखवी पहले भी मीडिल ईस्ट में चेचन्या, बोसनिया, इराक और दक्षिण एशिया में लश्कर के ऑपरेशन को निर्देश दे चुका है. यही नहीं, वह अमेरिकी सेना पर हमले के लिए पहले भी लश्कर के लड़ाकों को इराक भेज चुका है.
चैरिटी विंग और लश्कर
रॉ के मुताबिक लश्कर ने 2009 में एक चैरिटी विंग फलह-ए-इंसानियत की शुरुआत की, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान और सीरिया में संगठन के विस्तार में किया जा रहा है. यही नहीं, यह विंग कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को भी मदद कर चुका है. हालांकि बाद में उसने सीरिया के रिफ्यूजी के लिए धन जुटाने का काम शुरू कर दिया.
रिर्पोट के मुताबिक, सीरिया में चैरिटी विंग की मौजूदगी से मीडिल ईस्ट में लश्कर में जान फूंकने की लखवी के इरादों को सहायता मिल सकती है. बताया जाता है कि लश्कर के लड़ाकों को अलकायदा से भी डोनेशन मिला है, जबकि आत्मघाती हमलावरों की ट्रेनिंग भी दी गई है.