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SIT जाकिया जाफरी को रिपोर्ट सौंपेः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जाकिया जाफरी को 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए गुलबर्ग सोसायटी दंगे के संबंध में विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट सौंपी जाए.

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जाकिया जाफरी
जाकिया जाफरी

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जाकिया जाफरी को 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए गुलबर्ग सोसायटी दंगे के संबंध में विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट सौंपी जाए. सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में कहा, ‘जाकिया जाफरी 2002 में गोधरा कांड के बाद हुये गुलबर्ग सोसायटी दंगे के संबंध में विशेष जांच दल के मुखिया की टिप्पणियों के अलावा पूरी रिपोर्ट की हकदार हैं.’ शीर्ष अदालत ने जाकिया को जांच से संबंधित सामग्री मुहैया कराने से इंकार करने वाले अहमदाबाद की अदालत के दो आदेश निरस्त किये.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी प्रकरण में विशेष जांच दल की मामला बंद करने संबंधी रिपोर्ट पर 17 जनवरी को सुनवाई के बाद अंतिम आदेश नहीं सुनाए थे. गौरतलब है कि अहमदाबाद की अदालत ने गत वर्ष 27 नवंबर को विशेष जांच दल की मामला बंद करने संबंधी रिपोर्ट स्वीकार कर ली थी. जांच दल ने यह रिपोर्ट 13 मार्च 2012 को दायर की थी.

जाकिया जाफरी ने एके मल्होत्रा द्वारा दाखिल रिपोर्ट सहित इस मामले की जांच से संबंधित दस्तावेज मुहैया कराने से निचली अदालत के इनकार करने पर शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका दायर किया था. वह विशेष जांच दल की मामला बंद करने संबंधी रिपोर्ट पर विरोध याचिका दायर करने के लिये ये दस्तावेज चाहती हैं. उनका तर्क है कि जांच से संबंधित दस्तावेज नहीं मिलने के कारण वह जांच दल की रिपोर्ट पर विरोध याचिका दायर नहीं कर पा रही हैं.

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अहमदाबाद स्थित गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी में 28 फरवरी, 2002 को हुये काण्ड में उग्र भीड़ ने पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 व्यक्तियों की हत्या कर दी थी. अहमदाबाद की अदालत ने 16 जुलाई, 2012 को जाकिया जाफरी को ये दस्तावेज मुहैया कराने से इनकार कर दिया था.

जाकिया की वकील कामिनी जायसवाल का कहना था कि यह मामला बंद करने के बारे में 27 नवंबर के आदेश और दस्तावेज मुहैया नहीं कराना पीड़ित के विरोध याचिका दायर करने के अधिकार में बाधक बन रहा है. निचली अदालत ने कहा था कि जाकिया जाफरी समय बीत जाने के कारण विशेष जांच दल की रिपोर्ट के खिलाफ विरोध याचिका दायर करने का अधिकार गंवा चुकी है. अदालत का कहना था कि पर्याप्त समय देने के बावजूद उन्होंने विरोध याचिका दायर नहीं की है. इस रिपोर्ट में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट दी गयी थी. अदालत ने कहा था कि जाकिया जाफरी विशेष जांच दल की रिपोर्ट के खिलाफ मौखिक रूप से अपना विरोध दर्ज करा सकती हैं.

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