मलेशिया में रह रहे विवादित मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की कोशिशें जारी हैं. लेकिन इसमें सफलता मिलती फिलहाल दिखाई नहीं दे रही. जब इस बारे में विदेश सचिव विजय गोखले से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम मलेशिया के साथ द्विपक्षीय वार्ता का इंतजार कर रहे हैं.
दरअसल गोखले से पूछा गया था कि क्या भारत जाकिर नाइक को निर्वासित या प्रत्यर्पित करने के मुद्दे को उठाएगा. इस पर उन्होंने कहा कि फिलहाल हम मलेशिया के साथ द्विपक्षीय वार्ता पर हामी का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद ही मीडिया को जानकारी दी जाएगी.
मलेशिया में जाकिर नाइक बड़ी मुसीबत में फंस गया है. 8 अगस्त को नाइक ने मलेशिया में रह रहे हिंदुओं और चीनी मूल के मलेशियाई लोगों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी की थी, जिसके बाद देश में उसके भाषण देने पर रोक लगा दी गई थी. मलेशियाई पुलिस ने उससे कई घंटों तक पूछताछ की थी. इसके बाद उसने माफी मांग ली थी.
साल 2016 में जाकिर नाइक भारत से भागकर मलेशिया आ गया था. वहां की सरकार ने उसे स्थायी तौर पर देश में रहने की इजाजत दी थी. जाकिर नाइक भारत में वॉन्टेड है और उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है. इसके अलावा उस पर नफरत फैलाने और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने जैसे संगीन आरोप भी हैं.Foreign Secy on being asked 'Will India raise the issue of Zakir Naik with regards to possibility of him being extradited or deported?': As of now we're still waiting for confirmation on the bilateral, if there's meeting with Malaysia, we'll certainly brief the media. pic.twitter.com/iXGAiKEJUB
— ANI (@ANI) September 2, 2019
विवादित बयान में नाइक ने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों की तुलना में सौ गुना ज्यादा अधिकार मिले हुए हैं. उन्होंने चीनी समुदाय के लोगों को पुराने मेहमान बता दिया था. उसने कहा था कि उसे मलेशिया से निकालने से पहले चीनी मूल के मलेशियाई लोगों को निष्काषित कर देना चाहिए. मलेशिया में 3 करोड़ 20 लाख लोग रहते हैं. इनमें 60 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है. इसके साथ-साथ काफी तादाद में चीनी समुदाय और भारतीय भी रहते हैं.