दिल की बात आखिर जुबां पर आ ही गई. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने कहा है कि पहले उनके देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकवादी संगठनों को बढ़ावा देने का काम करती थी.
'न्यूज़वीक' मैगजीन से इंटरव्यू में ज़रदारी ने मुशर्रफ़ का नाम लिए बिना कहा कि - हां, जब पाकिस्तान पर तानाशाहों की हुकूमत हुआ करती थी, तब आईएसआई की तरफ से लश्कर जैसे संगठनों को खाद-पानी मिलता था, लेकिन नाइन एलेवन हमले के बाद स्थिति बदल गई है. अब आईएसआई और आतंकवादियों के संबंध खत्म हो गए हैं. अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकवादी संगठनों को बढ़ावा नहीं दे रही है.
ज़रदारी ने कहा है कि अब किसी को भी पाकिस्तानी ज़मीन के गलत इस्तेमाल की इजाज़त नहीं दी जाएगी. ज़रदारी का कहना है कि लश्कर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए ज़ोर-शोर से अभियान चलाया जा रहा है. जरदारी ने कहा है कि मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान में आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने की कोई ठोस सूचना नहीं मिली है. अगर आतंकवादियों को वाकई पाकिस्तान में ट्रेनिंग मिली है उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी.
लेकिन, जरदारी ने ये भी कहा है कि मुंबई हमले से जुड़े किसी आदमी की गिरफ्तारी होती भी है तो पाकिस्तान उसे भारत को नहीं सौंपेगा. जरदारी का कहना है कि मैं भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहता हूं क्योंकि मैं खुद आतंकवाद से पीड़ित हूं.