पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपनी ब्रिटेन यात्रा से पहले मंगलवार को कहा कि ‘आतंकवाद को पाकिस्तानी समर्थन’ के बारे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री की टिप्पणी के मुद्दे पर वह उनसे मुखातिब होने का इरादा रखते हैं.
दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा है कि उन्हें अपनी टिप्पणी पर कोई अफसोस नहीं है. जरदारी ने लंदन के लिये रवाना होने से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी सहित वहां के शीर्ष नेताओं को साथ हुई बैठक के बाद फ्रांसीसी अखबार ‘ले मोंडे’ को बताया, ‘आतंकवाद के खिलाफ जंग के खिलाफ हमें एकजुट होना चाहिए न कि हमें विभाजित होना चाहिए.’ वह लंदन में कैमरन के साथ बैठक करेंगे.
जरदारी ने शुक्रवार को कैमरन के साथ होने वाली अपनी बैठक के बारे में कहा, ‘मैं उनसे कहूंगा कि हमारा मुल्क (पाकिस्तान) आतंकवाद की सबसे भारी कीमत चुका रहा है.’ हालांकि, अपनी इस विदेश यात्रा को लेकर उन्हें देश में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. कैमरन इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्हें अपनी टिप्पणी पर कोई अफसोस नहीं है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते अपनी भारत यात्रा के दौरान एक सीधे सवाल का बहुत साफ और दो टूक जवाब दिया. कैमरन ने बीबीसी रेडियो को बताया, ‘मुझे कोई अफसोस नहीं है.’ ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों की समस्या मौजूद है जो अन्य देशों के लिये खतरा है.
कैमरन ने कहा कि वे अफगानिस्तान में हमारे सैनिकों, भारत, अमेरिका और ब्रिटेन के लिये भी खतरा है, इनसे निपटने की जरूरत है. गौरतलब है कि कैमरन ने बैंगलोर में सार्वजनिक टिप्पणी में एक कहा था, ‘हम किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे कि वह (पाकिस्तान) दोनों तरीके अपनाये और वह किसी भी तरह से आतंकवाद का निर्यात करे.’