पाकिस्तान के एक टीवी चैनल ने दावा किया है कि देश के परमाणु बटन का नियंत्रण गंवाने के बाद राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के पास से सेना के तीनों अंगों के प्रमुख को नियुक्त करने की अहम शक्ति को उनसे दूर करके प्रधानमंत्री में निहित कर दिया गया है.
डॉन समाचार चैनल के मुताबिक संवैधानिक सुधार समिति ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुख की नियुक्ति के अधिकार को राष्ट्रपति से हटा कर प्रधानमंत्री को दे दिया है. यह कदम राष्ट्रपति की शक्तियों को कतरने के लिये उठाया गया है.
चैनल ने सूत्रों के हवाले से गुरुवार को बताया कि इस निर्णय पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट और अवामी मुस्लिम लीग सहित सभी बड़े राजनीतिक दलों ने एकमत से सहमति जताई.
खबर में बताया गया है कि अनुच्छेद 243 में किये गये एक अहम संशोधन के बाद अब राष्ट्रपति को सेना प्रमुख को नियुक्त करने से पहले प्रधानमंत्री की सलाह लेनी होगी. उधर जरदारी ने वाशिंगटन पोस्ट में अपने एक लेख में कहा है, ‘‘मैं देश को चलाने के लिये संसद के साथ काम कर रहा हूं, न कि राजनीतिक अभियान के लिये. हमारी सरकार का लक्ष्य उन नीतियों को लागू करना है जो नाटकीय ढंग से देश की अवाम के जीवन में सुधार लाएंगी.’’