विपक्ष की आलोचनाओं का खंडन करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि वह अधीर हैं लेकिन अहंकारी नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि वह दूसरों की तुलना में खुद को लेकर ज्यादा सख्त हैं.
72 वर्षीय दीक्षित ने कहा, ‘‘मैं किसी और के प्रति सख्त होने की बजाय अपने प्रति ज्यादा सख्त हूं. अगर यह अहं है तो मैं इसे स्पष्ट नहीं कर सकती.’’ तीसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचत होने के बाद उनपर अहंकारी हो जाने के संबंध में भाजपा की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए दीक्षित ने कहा, ‘‘चूंकि विपक्ष कुछ भी नहीं कह सकता इसलिए कहा जा रहा है कि मैं अहंकारी हो गई हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताइए, मैं कहां अहंकारी हो गई हूं, मैं तत्काल इसे सुधार दूंगी. अगर मैं अहंकारी लगी हूं तो मैं क्षमायाचना कर लूंगी.
मेरा मतलब यह नहीं था. लेकिन हां, मैं अधीर हूं. और खासतौर पर अब मैं अधीर हूं क्योंकि हमारे पास एक समयसीमा है जिसके भीतर हमें (राष्ट्रमंडल खेलों के लिए) काम करना है.’’ दीक्षित ने कहा, ‘‘अगर मैं घमंडी होती तो मुझे पहली बार में ही ऐसा होना चाहिए था. हमारे विरोधियों का गढ़ टूट गया था. तभी मुझे घमंडी हो जाना चाहिए था.’’ दीक्षित ने कहा, ‘‘अगर मैं 10 साल में अहंकारी नहीं बनी तो मैं 11वें साल में क्यों अहंकारी हो जाउंगी.’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 15 वर्ष पहले की तुलना में दिल्ली की हालत आज ज्यादा सुधरी हुई है.