कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने अमरनाथ यात्रा को लेकर एक विवादित बयान दे डाला है. गिलानी ने शुक्रवार को कश्मीर के त्राल में कहा कि अमरनाथ यात्रा 30 दिनों से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए.
गिलानी त्राल में एक रैली को संबोधित करने आए थे और उन्होंने यहां मारे गए खालिद मुजफ्फर वानी के परिवार से मिलकर अपनी संवेदना भी जताई. गिलानी ने कहा, 'सालाना अमरनाथ यात्रा न्यूनतम 15 दिन और अधिकतम 1 महीने से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए.' उन्होंने कहा ‘हम सरकार को उत्तराखंड की गंगोत्री यात्रा की समय सारणी की तरह ही इसे एक माह की करने की सलाह देते हैं. यह श्रद्धालुओं और पर्यावरण दोनों के लिए सही रहेगा.’ पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए इस साल यह यात्रा दो जुलाई से शुरू हो कर 59 दिन चलेगी.
गिलानी ने घाटी में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध का आह्वान भी किया. उन्होंने कहा ‘हम शराब की सभी दुकानें बंद करने और शराब पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग करते हैं. हम पर्यटकों और यात्रियों का स्वागत करते हैं लेकिन हम किसी को भी सदियों पुराने धर्मों, संस्कृति, नैतिक मूल्यों और हमारे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे.’
इस रैली में पाक समर्थक नारे लगे और पाकिस्तानी झंडे लहराए गए. गिलानी की 15 अप्रैल को आयोजित रैली में भी समर्थकों ने पाकिस्तानी झंडे लहराए थे जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. गिलानी के करीबी सहायक मसरत आलम और अन्य के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य मामले दर्ज किए गए थे. अगले दिन मसरत को गिरफ्तार किया गया था.
गिलानी ने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए अलग कॉलोनी नहीं बननी चाहिए. कश्मीरी पंडितों को अपने घर वापस लौटना चाहिए.
-इनपुट भाषा से