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हैदराबाद यूनिवर्सिटी में कैसे हुई पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग? आया यह जवाब

BBC Documentary: पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के देश में बैन के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. वहीं यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शुरू हो गई है. जेएनयू में मंगलवार रात इसकी स्क्रीनिंग की गई. इससे पहले हैदराबाद यूनिवर्सिटी में यह डॉक्यूमेंट्री देखी गई थी. इस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जवाब दिया है कि स्टूडेंट्स ने इसके लिए कोई अनुमति नहीं ली थी.

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21 जनवरी को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में की गई थी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग (फाइल फोटो)
21 जनवरी को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में की गई थी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग (फाइल फोटो)

PM Modi BBC Documentary: गुजरात दंगों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार ने भारत में इस डॉक्यूमेंट्री को देखने पर बैन लगा रखा है. सरकार के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है. यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स इसे देख रहे हैं. जेएनयू में मंगलवार रात को इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई. हालांकि ऐसा दावा है कि प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कैंपस की बिजली काट दी और इंटरनेट बैन कर दिया. इस दौरान एक छात्र गुट ने डॉक्यूमेंट्री देख रहे स्टूडेंट्स पर पथराव भी किया. 

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जेएनयू से पहले हैदराबाद यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई थी. वहां भी खूब हंगामा हुआ है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसे लेकर शिकायत भी की थी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब मांगा गया था.  

मना करने पर भी नहीं माने स्टूडेंट्स

इस पर यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार डॉ. देवेश निगम ने कहा कि खुद को 'फ्रेटरनिटी मूवमेंट' कहने वाले छात्रों के समूह ने 21 जनवरी को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी. स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में बिना अनुमति या बिना किसी पूर्व सूचना के इस डॉक्यूमेंट्री को देखा था.

रजिस्ट्रार ने बताया कि स्क्रीनिंग की सूचना मिलते ही डीन और सुरक्षा दल मौके पर पहुंच गए थे. आयोजकों से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने बात मानने से इनकार कर दिया और स्क्रीनिंग जारी रखी.

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कार्रवाई के लिए मांगी गई  है रिपोर्ट

डॉ. निगम ने कहा कि निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार यूनिवर्सिटी कैंपस में कोई कार्यक्रम आयोजित करने से पहले छात्र संगठन को डीन से पूर्व अनुमति लेना बहुत जरूरी है. स्क्रीनिंग से पहले कोई अनुमति नहीं ली गई थी, जो मौजूदा मानदंडों का उल्लंघन है. हालांकि इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से खत्म हो गया, लेकिन यूनिवर्सिटी ने आगे की कार्रवाई करने के लिए घटना की रिपोर्ट मांगी है.

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