चुनाव आयोग ने तेलंगाना के ऊर्जा मंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता जी जगदीश रेड्डी को आदर्श आचार संहिता के 'उल्लंघन' के लिए नोटिस भेजा है. बता दें कि 25 अक्टूबर को एक जनसभा के दौरान जगदीश रेड्डी ने कहा था कि मुनुगोड़े उपचुनाव में अगर लोग कार सिंबल (बीआरएस चुनाव चिन्ह) के लिए वोट नहीं करते हैं तो कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी जाएंगी, यानि नो वोट नो स्कीम. बता दें कि ये उपचुनाव 3 नवंबर को होने हैं.
भाजपा के कपिलवई दिलीप कुमार ने 26 अक्टूबर को जगदीश रेड्डी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया गया कि मंत्री ने अपने भाषण में बीआरएस उम्मीदवार को वोट नहीं देने पर सभी कल्याणकारी योजनाओं को रोकने की बात कही है.
'पेंशन योजना जारी रखनी है या नहीं?'
दरअसल जगदीश रेड्डी ने अपने भाषण में कहा था कि 'ये चुनाव कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और राजगोपाल रेड्डी के बीच नहीं है. बल्कि यह 2,000 रुपये की पेंशन जारी रखने या न रखने के लिए है, रायथु बंधु को जारी रखना है या नहीं, 24 घंटे फ्री बिजली जारी रखनी है या नहीं, इसके लिए है. विकलांगों के लिए 3,000 रुपये पेंशन जारी रखना है या नहीं?'
'पेंशन में दिलचस्पी नहीं है तो मोदी को वोट दें'
उन्होंने आगे कहा कि 'जो लोग योजनाओं को जारी रखने के इच्छुक हैं, वे कार के लिए वोट करें और केसीआर के साथ खड़े हों. पीएम मोदी ने 3,000 रुपये पेंशन को ना कहा लेकिन केसीआर ने कहा कि वह इसे निश्चित रूप से देंगे. अगर किसी को पेंशन में दिलचस्पी नहीं है तो वह मोदी को वोट दे सकता है. अगर किसी को ये योजनाएं चाहिए तो केसीआर को वोट दे.'
चुनाव आयोग ने मांगा जवाब
चुनाव आयोग ने रेड्डी को उनके बयान के संबंध में शनिवार, 29 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है. साथ ही कहा है कि ऐसा नहीं करने पर मंत्री को कोई और संदर्भ दिए बिना निर्णय लिया जाएगा.