हाल ही में हुए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में हैदराबाद में बसे रोहिंग्याओं का मुद्दा खूब उछला. तेलंगाना के बीजेपी अध्यक्ष और करीमनगर से बीजेपी सांसद बंदी संजय ने तो यहां तक कह दिया कि यहां एक सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है क्योंकि यहां अवैध रूप से रोहिंग्या, अफगानी और पाकिस्तानी बसे हुए हैं.
अब गृह मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी देते हुए कहा है कि हैदराबाद में कितने रोहिंग्या रह रहे हैं, इस बात की जानकारी उसके पास नहीं है.
बता दें कि GHMC चुनाव के दौरान इस मुद्दे ने काफी जोर पकड़ा था. बीजेपी के आरोपों के बाद AIMIM चीफ ओवैसी और टीआरएस दोनों ने बीजेपी पर हमला किया था. ओवैसी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था कि बीजेपी ये साबित करे कि हैदराबाद में अवैध रूप से बाहर के लोग रह रहे हैं.
जीएचएमसी चुनाव के तुरंत बाद हैदराबाद के एक आरटीआई एक्टिविस्ट रोबिन (Robin Zaccheus) ने सूचना के अधिकार के तहत गृह मंत्रालय से जानकारी मांगी कि देश में कितने अवैध रोहिंग्या रह रहे हैं, इसकी जानकारी दी जाए.
इस RTI में पिछले पांच साल में घुसपैठिए रोहिंग्याओं का राज्यवार डाटा मांगा गया था. इसके अलावा ये भी पूछा गया कि इनमें कितने लोगों ने वोटर आईडी कार्ड हासिल कर लिया है और भारत में कितने डिटेंशन सेंटर हैं.
इस आवेदन का जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि ये विदेशियों की आवाजाही पर नजर रखने वालों से जुड़ा मामला है. इसलिए उसे ट्रांसफर किया जाता है. MHA ने यह भी कहा कि अवैध रूप से घुसपैठ करने वालों का केंद्रीकृत डाटा नहीं रखता जाता है. इसलिए इस सवाल को ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के पास भेज दिया गया, जबकि वोटर आईडी कार्ड से जुड़े सवाल को चुनाव आयोग के पास भेज दिया गया.
इसके बाद रोबिन को कहा गया कि उनके सवाल को तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी के पास भेज दिया गया, जहां से इस सवाल को जिला कलेक्टर के पास भेजा गया. इसके बाद तेलंगाना सरकार ने अपने उत्तर में कहा कि राज्य में रोहिंग्याओं के घुसपैठ की उसके पास कोई जानकारी नहीं है.
इस बीच रोबिन ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि चुनाव के दौरान जिन लोगों ने ध्रुवीकरण करने के लिए झूठी बयानबाजियां की उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.