हैदराबाद में तेलंगाना राज्य पथ परिवहन निगम के 50 हजार कर्मचारी आधी रात से हड़ताल पर चले गए हैं. सरकार के साथ अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों की वार्ता फेल हो जाने के बाद कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं.
हड़ताल की वजह से राज्य की परिवहन सेवाएं चरमरा गई हैं. परिवहन निगम के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के जरिए गठित एक प्रतिनिधि से बात की, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई. कर्मचारियों के बवाल को देखते हुए राज्य सरकार ने एस्मा (ESMA) लागू कर दिया है, बावजूद इसके कर्मचारी हड़ताल पर हैं.
#Hyderabad: Telangana State Road Transport Corporation (TSRTC) employees go on indefinite strike over their demand for the merger of the TSRTC with the government. pic.twitter.com/5wGHIgkFBD
— ANI (@ANI) October 5, 2019
तेलंगाना स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन कोर्पोरेशन (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों ने अपनी मांगों के चलते 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला लिया. सरकार के साथ इकाई का विलय इनकी मुख्य मांग है. विभिन्न कर्मचारी संघ की ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने कहा कि राज्य सरकार के गलत रवैये के चलते उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना होगा.
उनका आरोप है कि हड़ताल की सूचना दिए जाने के बाद भी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने में सरकार विफल रही है. संघ चाहता है कि सरकार के साथ टीएसआरटीसी का विलय हो जाए. घाटे में चल रहे आंध्र प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन कोर्पोरेशन (एपीएसआरटीसी) इकाई का इससे पहले, पड़ोसी राज्य की सरकार में विलय हो गया था, जिसके बाद अब तेलंगाना में भी इसकी मांग उठने लगी है.
क्या है मांग?
विलय से इतर टीएसआरटीसी कर्मचारियों की मांगें हैं- वेतन पुनरीक्षण, नौकरी की सुरक्षा, बकाया राशि का भुगतान और रिक्तियों को सरकार की तरफ से भरा जाना. संघ ने कहा कि काम कर रहे पचास फीसदी से ज्यादा लोग अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं, इन्हें पक्का किया जाए. इसके अलावा बसों की संख्या भी बढ़ाई जाए.
कर्मचारी संघ के नेताओं ने कहा है कि कर्मचारियों पर काम का दबाव है, जिसके चलते उन्हें मजबूरी में डबल ड्यूटी करनी पड़ती है. उन्होंने कहा है कि पिछले पांच सालों में टीएसआरटीसी में एक भी नए कर्मचारी की भर्ती नहीं हुई है.
(आईएएनएस से इनपुट)