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रमजान में मुस्लिम कर्मचारियों को ऑफिस से जल्दी मिलेगी छुट्टी... तेलंगाना सरकार का फैसला

राज्य सरकार ने सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और शैक्षणिक संस्थानों में सभी मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के पवित्र महीने के दौरान एक घंटे पहले यानी शाम 4 बजे अपने कार्यालय और स्कूल छोड़ने की इजाजत दी है. यह छूट 2 मार्च 2025 से 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी.

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तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी. (फाइल फोटो)
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी. (फाइल फोटो)

तेलंगाना सरकार ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों को जल्दी ऑफिस छोड़ने की अनुमति दी है. राज्य सरकार ने सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और शैक्षणिक संस्थानों में सभी मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के पवित्र महीने के दौरान एक घंटे पहले यानी शाम 4 बजे अपने कार्यालय और स्कूल छोड़ने की इजाजत दी है. यह छूट 2 मार्च 2025 से 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी.

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सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक सर्कुलर के अनुसार, यह निर्णय सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों, शिक्षकों, अनुबंध और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के साथ-साथ बोर्डों, निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों पर भी लागू होता है. इस कदम का उद्देश्य रमजान के दौरान धार्मिक अनुष्ठानों और आवश्यक प्रार्थनाओं को सुविधाजनक बनाना है. बता दें कि इस बार रमजान का महीना 28 फरवरी से शुरू हो रहा है जो 29 मार्च तक चलेगा.

बीजेपी ने किया विरोध

बीजेपी के अमित मालवीय ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताया है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, 'तेलंगाना सरकार ने रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों के लिए काम के घंटों में छूट को मंजूरी दे दी है. जब हिंदू नवरात्रि के दौरान उपवास करते हैं तो उन्हें कभी भी ऐसी कोई रियायत नहीं दी जाती है. यह फैसला किसी एक समुदाय की धार्मिक मान्यताओं के प्रति संवेदनशील होने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें महज वोट बैंक तक सीमित करने के बारे में है. इसका विरोध होना चाहिए.'
 

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इस्लामी कैलेंडर के नौंवे महीने को रमजान का महीना कहा जाता है. इस महीने की शुरुआत चांद दिखने के बाद होती है. रमजान के दौरान मुस्लिम लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान का महीना खत्म होने के बाद ईद का त्योहार पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है. रमजान में मुस्लिम लोग रोजा रखने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले ही सेहरी खा लेते हैं, जिसके बाद पूरे दिन भूखे-प्यासे रहकर खुदा का नाम जपते हैं. शाम को इफ्तार के समय रोजा खोल लिया जाता है.

इस्लामिक जानकारी के अनुसार, रोजा रखना इस्लाम के पांच मूलभूत सिद्धांतों में से एक है. सभी मुसलमानों को यह पांचों सिद्धांतों का पालन करना काफी जरूरी है. इन पांच सिद्धांतों में नमाज, दान, आस्था, हज और रोजा शामिल है.

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