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ओवैसी ने चला बड़ा दांव, TRS के लिए घर-घर जाकर मांगा वोट

119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में 2014 के चुनाव में टीआरएस को 90 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस को 13, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 7, बीजेपी को 5, टीडीपी को 3 और सीपीएम को 1 सीटें मिली थीं.  इस बार टीआरएस के खिलाफ कांग्रेस-टीडीपी-कांग्रेस-सीपीआई-तेलंगाना जन समिति का गठबंधन 'प्रजाकुटमी' मैदान में है.

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AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फोटो-Twitter/@asadowaisi)
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फोटो-Twitter/@asadowaisi)

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तेलंगाना में जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही नए-नए समीकरण उभरकर सामने आ रहे हैं. कुछ ऐसा हैदराबाद के गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र में देखने को मिल रहा है जहां ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी के खिलाफ टीआरएस के प्रत्याशी का प्रचार कर रहे हैं.

ऐसा AIMIM के इतिहास में पहली बार हुआ है जब असदुद्दीन ओवैसी टीआरएस का प्रचार कर रहे हों. दरअसल गोशामहल से बीजेपी ने विधायक राजा सिंह को एक बार फिर मैदान उतारा है. बीजेपी विधायक राजा सिंह अक्सर अपने भड़काऊ बयान के लिए चर्चा में रहते हैं. अभी कुछ दिन पहले राजा सिंह ने कहा था कि वे तभी संतुष्ट होंगे जब ओवैसी का सिर उनके धड़ से अलग कर देंगे. ओवैसी ने भी राजा सिंह के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि लगता है उन्हें घर में संतुष्टी नहीं मिलती इसीलिए ऐसे बयान दे रहे हैं. ओवैसी ने कहा कि 3 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैदराबाद आएं तो अपने विधायक के बयान की निंदा करें और यदि मोदी ऐसा नहीं करते हैं तो इसका मतलब उन्हें भी संतुष्टी नहीं मिलती.

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बता दें हैदराबाद की गोशामहल सीट पर बीजेपी नेता राजा सिंह ने 2014 के चुनाव में दो बार से विधायक एम मुकेश गौड़ को 46793 मतों से पराजित किया था. जहां कांग्रेस ने एक बार फिर मुकेश गौड़ पर दांव खेला है वहीं टीआरएस ने प्रेम सिंह राठौड़ को टिकट दिया है. प्रेम सिंह राठौड़ के लिए प्रचार करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देते हैं कि अगर उनमें हिम्मत है तो हैदराबाद से चुनाव लड़ कर देख लें. ओवैसी हैदराबाद सीट से सांसद हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो अकबरुद्दीन और असदुद्दीन ओवैसी, जिनकी हैदराबाद में खासी लोकप्रियता है, वे यहां की कई सीटों पर मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं. अपनी पार्टी के उम्मीदवार के साथ ओवैसी टीआरएस को भी फायदा पहुंचाएंगे. हालांकि टीआरएस और ओवैसी की पार्टी में कोई औपचारिक गठबंधन नहीं है लेकिन जानकारों की माने तो राज्य में टीआरएस और एआईएमआईएम की जुगलबंदी किसी से छिपी नहीं है और दोनो ही दल फ्रेंडली मैच खेल रहे हैं.

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