देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी को जहां सत्ता गंवानी पड़ी है, वहीं एमपी में भी मामला कांटे का चल रहा. तेलंगाना में बीजेपी किंगगमेकर बनने की जुगत में थी, लेकिन पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. राज्य में बीजेपी पांच सीटों से घटकर 1 सीट पर सिमट गई.
तेलंगाना की 119 सीटों वाली विधानसभा में केसीआर की सुनामी में बीजेपी पूरी तरह साफ हो गई है. हालांकि बीजेपी ने कमल खिलाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमकर प्रचार किया था.
2014 में बने तेलंगाना राज्य की सियासत में टीआरएस एक मजबूत किले की तरह नजर आ रही है. केसीआर ने पांच साल में जिस तरह से अपनी पार्टी और संगठन का विस्तार किया है. वो चुनावी नतीजे में भी तब्दील हुए है. जबकि बीजेपी सहित कांग्रेस और दूसरी पार्टियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
बीजेपी ने तेलंगाना में 20 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था. लेकिन इस संख्या के आंकड़े को छूने के बजाय अपने पुराने रिकार्ड को भी बरकरार नहीं रख सकी. पार्टी के पास पहले 5 विधायक थे, लेकिन अब ये संख्या घटकर एक हो गई है.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस 88 सीटों के साथ दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में दूसरी बार वापसी की है. वहीं, कांग्रेस को 19, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 7 और टीडीपी को 2 अन्य को 3 सीटें मिलती दिख रही हैं.