तेलंगाना में रोडवेज कर्मियों की हड़ताल का मुद्दा अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने उठाया गया है. तेलंगाना बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने अमित शाह से मुलाकात करके हड़ताल और आत्महत्या करने वाले कर्मचारियों के बारे में जानकारी दी. इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के तेलंगाना अध्यक्ष के लक्ष्मण और गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी शामिल थे. अमित शाह इस महीने तेलंगाना जाएंगे. इससे पहले पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा 9 नवंबर को हैदराबाद जाएंगे.
तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल को 30 दिन से ज्यादा हो बीत चुके हैं. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कर्मचारियों के काम पर लौटने की अंतिम समय सीमा तय की थी, जो पूरी हो चुकी है.
प्रदर्शनकारियों ने ठुकराई सीएम की मांग
मुख्यमंत्री ने टीएसआरटीसी के 5,100 मार्गो के निजीकरण की घोषणा करते हुए कर्मचारियों से पांच नवंबर की आधी रात तक काम पर वापस लौटने के लिए कहा था, और ऐसा न होने पर बाकी बचे 5000 मार्गो का भी निजीकरण कर दिया जाएगा.
लेकिन हड़ताली कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा है कि जबतक उनकी मांगें सरकार नहीं मान लेती, हड़ताल वापस नहीं लिया जाएगा. जेएसी के संयोजक अश्वथाम रेड्डी ने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कर्मचारियों को साहसी बनने की सलाह दी और कहा कि अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता न करें.
उन्होंने कहा कि इसके पहले भी मुख्यमंत्री द्वारा तय की गई समयसीमा पर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे थे, और इस बार भी कोई कर्मचारी काम पर नहीं लौटेगा. रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है.
अब तक 10 कर्मचारियों की मौत
इस बीच, टीएसआरटीसी के एक औश्र कर्मचारी की हृदयाघात के कारण मौत हो गई. जेएसी के नेताओं ने कहा कि वारंगल जिले के कंडक्टर रविंदर की अवसाद के कारण मौत हो गई. पांच अक्टूबर को हड़ताल शुरू होने के बाद से लगभग 10 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. इनमें से तीन ने आत्महत्या की थी.
एक अन्य घटनाक्रम के तहत तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव एस.के. जोशी, टीएसआरटीसी के प्रभारी प्रबंध निदेशक सुनील शर्मा और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आयुक्त लोकेश कुमार को सात नवंबर को अदालत में तलब किया है, जिस दिन हड़ताल पर सुनवाई होनी है.
(IANS इनपुट के साथ)