डीजल-पेट्रोल की कीमतों को लेकर गुरुवार को तेलंगाना की टीआरएस सरकार और केंद्र सरकार के बीच ट्विटर पर युद्ध छिड़ गया. दरअसल केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट पर तेलंगाना में पेट्रोल उत्पादों पर लगाए जा रहे उच्च वैट पर सवाल खड़े किए तो जवाब में तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव ने वैट को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने राज्य के गठन के बाद से पेट्रोल उत्पादों पर वैट नहीं बढ़ाया है.
तेलंगाना वसूलता है सबसे ज्यादा वैट: हरदीप पुरी
केंद्रयी मंत्री हरदीपुर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि तेलंगाना का मामला बिल्कुल अजीब है. यहां पेट्रोल और डीजल पर सबसे ज्यादा वैट वसूला जा रहा है. यहां पेट्रोल पर 35.20% और डीजल पर 27% वैट लगा है. राज्य सरकार ने 2014 से 2021 तक वैट से 56,020 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं ,जबकि 2021-22 में 13,315 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान हैं यानी तेलंगाना 69,334 करोड़ तक जुटाता है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर ये पैसा जाता कहां है?
शिकार के साथ नहीं कर सकते शिकार
मंत्री केटी रामा राव ने केंद्रीय मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि आप खरगोशों के साथ नहीं दौड़ सकते और शिकार के साथ शिकार नहीं कर सकते.' उन्होंने बताया कि 2014 में कच्चे तेल की जो कीमत वह अप्रैल 2022 की मौजूदा कीमत 105 डॉलर के बराबर है, लेकिन 2014 में पेट्रोल की कीमत 70 रुपये थी और अब यह 120 रुपये है. तेलंगाना में वैट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई तो फिर वृद्धि कहां से हो गई?''
बढ़ी कीमतों के लिए केंद्र जिम्मेदार
मंत्री राव ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आ रही तेजी के लिए केंद्र सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि 'क्या यह सच नहीं है कि एनपीए सरकार द्वारा लगाए गए अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और उपकर के कारण मूल्य वृद्धि एकमात्र है? आप पीएम को सेस खत्म करने की सलाह क्यों नहीं देते ताकि हम पूरे भारत में पेट्रोल 70 रुपये और डीजल 60 रुपये में दे सकें. क्या यह सच नहीं है कि 26.5 लाख करोड़ रुपये सेस के रूप में एनपीए सरकार द्वारा एकत्र किया गया.
पूरी तरह से खत्म किया जाए सेस
तेलंगाना सीएम केसीआर के बेटे और मंत्री रामा राव ने दावा किया कि 2014 में जब कच्चे तेल की कीमत 105 डॉलर थी, तब पेट्रोल की कीमत 70 रुपये थी. आज भी जब कच्चा तेल उसी दाम पर मिलता है तो पेट्रोल 120 रुपये में बिक रहा है. उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार सेस को पूरी तरह से खत्म कर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करे. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए सेस के कारण तेलंगाना को अपने हिस्से का 41 प्रतिशत प्राप्त नहीं हुआ है. सेस के रूप में आप राज्य से 11.4% लूट रहे हैं और हमें केवल 29.6% मिल रहा है.