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जगन मोहन रेड्डी आजीवन YSRCP के अध्यक्ष चुने गए, पार्टी ने बदला अपना संविधान

वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को शनिवार को यहां आयोजित पार्टी बैठक के समापन दिवस पर सर्वसम्मति से वाईएसआरसीपी का आजीवन अध्यक्ष चुना गया.

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जगन मोहन रेड्डी- फाइल फोटो
जगन मोहन रेड्डी- फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • संविधान में हुए दो बदलाव
  • ​​​​​​​जगन ने 2011 में कांग्रेस से नाता तोड़ा था

आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी ने अपने संविधान में बड़ा बदलाव किया है. वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को आजीवन पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. रेड्डी को शनिवार को यहां आयोजित पार्टी की बैठक के समापन दिवस पर सर्वसम्मति से YSRCP का आजीवन अध्यक्ष चुना गया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए वाई.एस.जगन मोहन रेड्डी की ओर से नामांकन के 22 सेट दाखिल किए गए थे और कोई अन्य नामांकन नहीं होने के कारण, उन्हें रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित कर दिया गया.

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संविधान में हुए दो बदलाव
पार्टी महासचिव वी विजयसाई रेड्डी ने भारी भीड़ की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच यह घोषणा की. बैठक में पार्टी ने संविधान में दो महत्वपूर्ण संशोधनों पर सहमती दी. पहले पार्टी का नाम युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी में बदलना था जिसे बाद में वाईएसआरसीपी के तौर पर नाम मिला.
 
जगन ने 2011 में कांग्रेस से नाता तोड़ा था
दूसरा बदलाव पार्टी के अध्यक्ष पद के कार्यकाल को आजीवन करने वाला था. वाईएस जगन मोहन रेड्डी के वाईएसआरसीपी के आजीवन अध्यक्ष के रूप में चुनाव की घोषणा की गई. जगन मोहन रेड्डी ने मार्च 2011 में कांग्रेस से नाता तोड़ने के बाद YSRCP का गठन किया था और पार्टी के अध्यक्ष बने थे. 
 

 

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