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उत्तर प्रदेश

UP के इस गांव में बिना वोटिंग बन जाते हैं प्रधान, खूब हुआ है विकास

यूपी का एक गांव ऐसा... जहां वोटिंग से नहीं निर्विरोध चुना जाता है प्रधान
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यूपी के फिरोजाबाद जिले में एक गांव है गढ़सान, इस गांव की खासियत है कि यहां आजादी के बाद से अब तक प्रधान पद के लिए केवल दो बार ही वोटिंग हुई है. पिछले 30 सालों में सिर्फ एक बार ऐसी नौबत आई है कि प्रधान चुनने के लिए वोटिंग हुई हो.

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पंचायत चुनाव के मौके पर मदनपुर ब्लॉक के गढ़सान गांव के लोग खुद ही इकट्ठा होकर पंचायत करके एक प्रत्याशी को निर्विरोध रूप से प्रधान चुन देते हैं. जब आजतक की टीम इस बात की पड़ताल करने गांव पहुंची तो पता चला कि वहां गांव के प्रधान जैसे महत्वपूर्ण चुनाव के लिए भी आपस में सामंजस्य बना लेते हैं, और पिछले कई सालों से यही परंपरा निभाई जा रही है.

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अब तक सिर्फ दो बार हुए हैं चुनाव

गढ़सान गांव में आजादी के बाद से अब तक दो बार वोटिंग हुई है. पहली बार 1987 में चुनाव प्रक्रिया हुई थी जबकि दूसरी बार 2010 में प्रशासन की नजर में इस गांव में प्रधान पद पर चुनाव हुआ था. गांव वालों के मुताबिक 2010 में भले ही उम्मीदवार दो रहे हों लेकिन गांव ने वोट एक ही उम्मीदवार के पक्ष में किया था.

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गांव वालों का कहना है कि 2010 में दो लोगों ने नामांकन कर दिया था और तय समय के भीतर अपना नाम वापस भी नहीं लिया. जिस वजह से गढ़सान में प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ था लेकिन अपनी परंपरा के मुताबिक गांव ने प्रधान सर्वसम्मति से ही चुना था. इस बार भी गांव के प्रधान का चुनाव पंचायत के जरिए ही किया जाएगा.

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गांव वाले आपस में बैठकर तय कर लेते हैं अगला प्रधान

ग्रामीण कहते हैं कि आजादी के बाद दो बार ऐसा भी मौका आ चुका है कि जब इस गांव में वोटिंग हुई है, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है. 2000 के करीब मतदाताओं वाला यह गांव पूरी तरह संपन्न है. यहां सभी मूलभूत सुविधाएं भी हैं. जब ग्रामीणों से इस विषय में बात की तो उनका कहना था कि प्रधान पद के चुनाव के बाद जो हारा प्रत्याशी होता है उसे मनमुटाव हो जाता है जो कई सालों तक चलता रहता है. इसी वजह से गांव के लोग बुजुर्गों की बात मानकर प्रधान का चुनाव आपसी सहमति से कर देते हैं.

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एक गांव वाले का कहना था कि गांवों में दुश्मनी की शुरुआत पंचायत चुनाव से ही होती है. इसी वजह से हमारे गांव में पहले के लोगों ने तय किया कि एक सही बंदे को निर्विरोध प्रधान चुन दिया जाया करे क्योंकि पूरा गांव ही एक परिवार की तरह होता है और परिवार में कोई मनमुटाव नहीं होना चाहिए. गांव वालों का कहना है कि जब कई उम्मीदवार होते हैं तो एक को उसी समय जबकि अन्य को अगली बार प्रधान बनाने का आश्वासन दिया जाता है.

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गांव में जमकर हुआ विकास

इस गांव गढ़सान में विकास भी खूब हुआ है. पूरे गांव में पक्की सड़कें हैं, प्राथमिक स्कूल है, डिग्री कॉलेज हैं. इलाज के लिए गांव में ही प्राइमरी हेल्थ सेंटर भी है और पशुओं का हॉस्पिटल भी है. पानी की बड़ी टंकी भी है. गांव वाले बेहद खुश हैं कि वह जिस प्रधान को भी निर्विरोध निर्वाचित करते हैं वह विकास के काम प्राथमिकता से करता है.

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