कोरोना काल में अस्पतालों से डरावनी तस्वीरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. यूपी के फिरोजाबाद थाना लाइनपार इलाके के मोहल्ला रामनगर से एक 63 साल की बुजुर्ग महिला अपने पति को इलाज के लिए सरकारी ट्रामा सेंटर ई- रिक्शा से लेकर गई थी. जहां पर चेक करने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद बुजुर्ग महिला को अपने पति की लाश को ई- रिक्शा पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
पति की मौत के बाद महिला की मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि वो किसी से ठीक तरह से बात भी नहीं कर पा रही थी. बताया जा रहा है कि महिला के पति को कोविड नहीं हुआ था. वो घर पर ही लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
रविवार सुबह बुजुर्ग महिला के पति की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई. इसके बाद वो अपने पति को ई-रिक्शा से सरकारी ट्रामा सेंटर के टीवी वार्ड में लेकर गई. चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बुजुर्ग महिला ने रो-रोकर बताया कि उनके पति को कोरोना वायरस नहीं हुआ था. उनकी प्लेटलेट्स काफी कम हो गई थी. जिसकी वजह से उनकी मौत हुई.
सरकारी ट्रामा सेंटर को प्रोटोकल के आधार पर शव को घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस या शव वाहन का बंदोबस्त करना था. लेकिन उन्हें शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की सेवा नहीं मिली. जिसकी वजह से बुजुर्ग महिला ई-रिक्शा से ही शव को अपने घर ले गई.
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर नवीन जैन ने बताया कि जब उन्होंने मरीज को देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी. लेकिन महिला बार-बार ऑक्सीजन लगाने की बात बोल रही थी. अगर किसी की मृत्यु हो गई है तो उसको ऑक्सीजन लगाने से कोई फायदा नहीं होता है. पति की मौत की खबर सुनकर बुजुर्ग महिला बदहवासी की स्थिति में आ गई. इससे पहले कि हम शव वाहन का इंतजाम कर पाते महिला शव को ई रिक्शे में रखकर चली गई.