उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों वायरल बुखार से दहशत का माहौल है. फिरोजाबाद, मथुरा के बाद अब कानपुर में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इनमें सबसे अधिक बच्चे ही चपेट में आ रहे हैं. हालात यह है कि एक-एक दिन में 24 से अधिक बच्चे भर्ती हो रहे हैं. एक-एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है.
कानपुर शहर से लेकर देहात तक के इलाको में वायरल भुखार ने दस्तक दे दी है, इस वायरल से बिल्हौर इलाके में एक ही परिवार के दो बच्चे अरहाम और फरहान की मौत हो चुकी है. आलम यह है कि मेडिकल कॉलेज का बाल रोग विभाग पूरी तरह बुखार पीड़ित बच्चों से फूल हो गया है. एक-एक दिन में चौबीस-चौबीस बच्चे भर्ती होने आ रहे हैं.
डॉक्टर किसी तरह एक-एक बेड पर दो-दो बच्चों को लिटाकर इलाज कर रहे हैं. बच्चो के परिजनों को समझ नहीं आ रहा है कि ये कैसा बुखार है. वायरल से पीड़ित बच्ची की मां ने आजतक को कहा कि इसको बुखार आया है, आठ दिन से यहां भर्ती कराया है, पता नहीं कैसा बुखार है.
कानपूर का बाल रोग संस्थान प्रदेश का सबसे बड़ा बाल रोग हॉस्पिटल है. इसके साथ-साथ शहर में अन्य हास्पिटल में भी वायरल पीड़ित बच्चों की भरमार है. बाल रोग विभाग के हेड डॉक्टर यशवंत राव का कहना है कि इस वायरल में बच्चों में कई तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं, कुछ में लाल चक्कते पड़ रहे हैं, कुछ को खांसी आ रही है, उल्टी दस्त भी हो रही है.
बाल रोग विभाग में 120 बेड की तुलना में 189 बच्चे भर्ती किए गए हैं. मंगलवार को ही एक साथ चौबीस बच्चे भर्ती किए गए. डॉक्टर रात-दिन मेहनत करके बच्चों को बचाने में लगे है. इनमें एक चौथाई बच्चे इमरजेंसी में ही ऑक्सीजन पर हैं, जबकि आईसीयू-एनआईसीयू सब पहले से फूल है.
ये शायद डॉक्टरों की ही मेहनत है, जो अभी तक किसी बच्चे की कैजुअल्टी नहीं हुई है. कुछ बच्चों को तो ऑक्सीअजन पर रखा गया है. इस वायरल के लिए डॉक्टर लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का ही पालन करने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि सबको भीड़ से बचाना है, बच्चों को भी मास्क लगाए और फीवर आने पर किसी अच्छे डॉक्टर से ही सलाह लें.
डॉक्टर यशवंत राव ने कहा कि इस वायरल में बच्चो में कई तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं, कुछ में लाल चक्कते पड़ रहे हैं, कुछ को खांसी आ रही है, उल्टियां दस्त भी हो रही है.