उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 'रहस्यमयी बुखार' के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस बीमारी ने मथुरा के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. मथुरा में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमे कोंह में 10 ,जचोदा में 2 और जनसुटी में एक मौत हुई है. मरने वालों में 10 बच्चे शामिल हैं. बच्चों की मौत से लोग डर गए हैं और गांव छोड़कर जा रहे हैं.
मथुरा के फरह ब्लाक के ग्राम कोंह में 'रहस्यमयी बुखार' का इतना खौफ है कि ग्रामीण घर छोड़कर पलायन को मजबूर है. पूरे गांव अधिकांश परिवार अपने बच्चों को लेकर पलायन कर चुके हैं. जो लोग गांव में हैं, वह अपनों को बचाने का जतन कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार गांव में पहुंचकर लोगों की जांच और इलाज में जुटी हुई है.
इस बीच कोंह से एक तस्वीर सामने आई है, जिसने सबको भावुक कर दिया है. इस वायरल वीडियो में एक बुजुर्ग शख्स सीएमओ के पैरों में गिरकर अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहा है. आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस प्रकार कोंह का एक ग्रामीण अपने बच्चे को बचाने के लिए सीएमओ के हाथ-पैर जोड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश में दम तोड़ चुकी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच बुखार का कहर जारी है और सरकार प्रचार अभियान में व्यस्त है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 4, 2021
मथुरा में बीमार बच्चे का पिता अधिकारी के पैरों में गिर कर उपचार की गुहार मांगने को मजबूर हैं।
इस विचलित कर देने वाले मंजर को जनता कभी नहीं करेगी माफ। pic.twitter.com/WeUQcaRsWI
वहीं सीएमओ रचना गुप्ता ग्रामीणों को ढाढस बनाने का प्रयास कर रही है. गांव में फैली बीमारी से लोगों में दहशत का माहौल है. ग्राम प्रधान हरेंद्र चौहान का कहना है कि इस बीमारी से डेढ़ सौ से अधिक बच्चे बीमार हैं, जो हॉस्पिटल में एडमिट है, वहीं साढ़े चार सौ से अधिक लोग इसकी चपेट में है.
ग्राम प्रधान हरेंद्र चौहान का कहना है कि गांव की महिलाएं एवं पुरुष अपने बच्चों को लेकर पलायन कर गए हैं, पूरे गांव में इस बीमारी से लोगों में भारी दहशत है. यही बीमारी का डर सता रहा है, लोग स्वास्थ्य व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है, कोई भी फायदा नहीं मिला यहां पर लोगों को.
वहीं ग्रामीण महावीर सिंह का कहना है कि हमारे गांव में बच्चे बीमार हो रहे हैं, बड़े भी बीमार हो रहे हैं, बड़े ठीक हो जाते हैं लेकिन बच्चों की मौत हो रही है, अभी तक 11 बच्चों की मौत हो गई है, पुलिस आकर खड़ी हो जाती है यहां दंगा ना हो और प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं है.
ग्रामीण महेश चौहान ने कहा कि अब तक 11 बच्चों की मौत हो गई है, मेरे बेटे की मौत हुई है, कल उसके पेट में दर्द हुआ था, मैं डॉक्टर साहब के पास लेकर गया था, उसके पेट में दर्द है, डॉक्टर बोले दो गोली खिला दो बच्चा ठीक हो जाएगा, हमने आगरा हॉस्पिटल में भर्ती किया, सुबह 2:00 बजे बच्चा खत्म हो गया.