रेलवे में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ द्वारा गठित की गई 'मेरी सहेली' टीम न सिर्फ महिलाओं को यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान कर रही है. बल्कि साथ ही साथ जरूरत पड़ने पर महिला यात्रियों की तीमारदारी भी कर रही है. ऐसा ही एक मामला दिल्ली हावड़ा रेल रूट के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर उस वक्त देखने को मिला. जब चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई और डीडीयू जंक्शन पर तैनात आरपीएफ की 'मेरी सहेली' टीम की महिला पुलिस कर्मियों ने गर्भवती महिला की मदद की और उस मदद की बदौलत आरपीएफ थाने में गर्भवती महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.
(फोटो- उदय गुप्ता)
दरअसल नई दिल्ली से चलकर पुरी जाने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास में बिहार के अरवल की रहने वाली अन्नू नाम की महिला अपने परिवार के साथ यात्रा कर रही थी. लेकिन यात्रा के दौरान चलती ट्रेन में ही अनु देवी को प्रसव पीड़ा होने लगी. महिला और उनके परिजनों ने प्रयास किया कि किसी तरह वह अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं. लेकिन दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक पहुंचते-पहुंचते महिला की हालत बिगड़ने लगी.
महिला की परेशानी को देखते हुए अन्य यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया. चेन पुलिंग की सूचना पर डीडीयू जंक्शन की आरपीएफ की टीम जब ट्रेन के पास पहुंची तो उनको पता चला कि लेबर पेन की वजह से गर्भवती महिला तड़प रही है. आरपीएफ के जवानों ने जंक्शन पर तैनात 'मेरी सहेली' टीम को बुलाया. 'मेरी सहेली' टीम की महिला पुलिस कर्मियों ने गर्भवती महिला को ट्रेन से उतारा और आरपीएफ थाने ले आईं.
आरपीएफ के द्वारा रेलवे हॉस्पिटल को भी सूचना दी गई, जिस पर रेलवे हॉस्पिटल से महिला डॉक्टर और उनकी टीम आरपीएफ थाने पहुंची. डीडीयू जंक्शन के आरपीएफ थाने की महिला चेंजिंग रूम को डिलीवरी रूम बना दिया और महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. महिला और उसके परिजन आरपीएफ के द्वारा की गई इस मदद से काफी खुश हैं. डिलीवरी के बाद महिला ने बताया कि डॉक्टर ने 28 मार्च का समय दिया था. लेकिन बच्चा पहले ही पैदा हो गया जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था.
संजीव कुमार इंस्पेक्टर आरपीएफ, डीडीयू जंक्शन ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर 3 पर नई दिल्ली से पुरी जाने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस आई थी और उसमें बार-बार चेन पुलिंग हो रही थी. हमारी टीम वहां पहुंची तो पता चला कि उसके स्लीपर कोच में एक बोनाफाइड महिला पैसेंजर थी जिसको लेबर पेन हो रहा था. तुरंत आरपीएफ की महिला 'मेरी सहेली' टीम को बुलाया गया और उस महिला यात्री को नीचे उतारकर आरपीएफ थाना के लेडीज चेंजिंग रूम में लाया गया. इसकी सूचना रेलवे हॉस्पिटल को दी गई. वहां से डॉक्टर की एक टीम आई और मेरी सहेली की टीम के साथ उस महिला को प्रसव कराने में मदद की. दोनों जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.