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उत्तर प्रदेश

अमरोहा मर्डर केस: शबनम से मिलने रामपुर जेल में पहुंचा बेटा

शबनम से मिलने जेल में पहुंचा बेटा
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उत्तर प्रदेश के अमरोहा का केस देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. शबनम को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की तैयारी की जा रही है. ये फांसी उत्तर प्रदेश की मथुरा जेल में दी जानी है. इसी बीच रामपुर जेल में बंद शबनम से मिलने उसका बेटा रामपुर पहुंचा. (File Photos)

शबनम से मिलने जेल में पहुंचा बेटा
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दरअसल, रविवार को शबनम का बेटा अपनी मां से मिलने रामपुर जेल में पहुंचा. शबनम का बेटा गोद लेने वाले माता-पिता के साथ रामपुर जेल पहुंचा था. बेटे ने शबनम से जेल में बात की. थोड़ी देर अपने मां के पास रहा और फिर बाहर आया. जेल से बाहर निकलने के बाद बच्चे को गोद लेने वाले माता-पिता ने बताया कि शबनम के बेटे को उनके साथ रहते हुए 5 साल 6 महीने से ज्यादा हो गए. शबनम का बेटा बुलंदशहर के एक स्कूल में पढ़ रहा है.

शबनम से मिलने जेल में पहुंचा बेटा
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क्या है मामला: यह मामला 2008 का है. उत्तर प्रदेश के अमरोहा में बावनखेड़ी गांव में शिक्षक शौकत अली पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, बहू अंजुम और इकलौती बेटी शबनम के साथ रहते थे. पिता ने इकलौती बेटी को बड़े लाड़-प्यार से पाला था और उसे बेहतर शिक्षा दी जिसकी बदौलत शबनम की शिक्षामित्र में नौकरी भी लग गई थी. 

इसी दौरान शबनम को गांव के आठवीं पास युवक सलीम से प्यार हो गया और दोनों शादी करना चाहते थे. लेकिन अलग-अलग जाति के मुस्लिम होने की वजह से दोनों की शादी के लिए शबनम के घर वाले तैयार नहीं थी, शबनम जहां सैफी थीं वहीं सलीम पठान बिरादरी का था.

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परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शबनम आए दिन अपने प्रेमी को मिलने के लिए घर बुलाने लगी जिसका परिवार के लोग विरोध करते थे. प्रेमी से मिलने में कोई बाधक ना बने इसके लिए शबनम अपने घर के लोगों को चुपके से नींद की गोलियां देने लगी. 14 अप्रैल 2008 की रात को भी शबनम ने अपने प्रेमी से मिलने के लिए परिवार के लोगों को नींद की गोलियां दे दीं. 

उसी दौरान शादी में बाधक बन रहे परिजनों को लेकर शबनम ने अपने प्रेमी सलीम से शिकायत की और उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रच दी. रात को नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशि, भाभी अंजुम और फुफेरी बहन राबिया समेत 7 लोगों को एक-एक कर दोनों ने कुल्हाड़ी से काट दिया.

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घटना को अंजाम देकर सलीम वहां से फरार हो गए लेकिन शबनम घर में रही और सुबह होते ही रोने का नाटक करते हुए गांव वालों को बताने लगी की बदमाशों ने आकर उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी. जब लोग उनके घर पहुंचे तो दो मंजिले मकान के तीन कमरों में बस खून ही खून पसरा था और बिस्तर पर शव पड़े हुए थे. 

इस नरसंहार की वजह से बावनखेड़ी गांव कई महीनों तक देश में सुर्खियों में रहा और उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने भी वहां का दौरा किया था. हालांकि शबनम के शुरुआत में दिए बयान के बाद ही पुलिस को उस पर शक हो गया था. मोबाइल कॉल रिकॉर्ड ने शबनम की पोल खोल दी और जब सख्ती से पूछताछ की गई तो वो टूट गई और उसने पूरी खौफनाक साजिश का खुलासा कर दिया. बता दें कि ट्रायल के दौरान जेल में ही शबनम ने सलीम के बच्चे को भी जन्म दिया था.

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