scorecardresearch
 
Advertisement
उत्तर प्रदेश

150 साल पहले बना था ये फांसी घर, अब शबनम को दी जाएगी फांसी

1870 में बना था मथुरा का फांसी घर
  • 1/9

उत्तर प्रदेश के अमरोहा का केस देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. शबनम को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की तैयारी की जा रही है. ये फांसी उत्तर प्रदेश की मथुरा जेल में दी जानी है. मथुरा जेल प्रदेश की एकमात्र जेल है जहां पर महिला फांसी घर है. (इनपुट- हिमांशु मिश्रा/अभिषेक मिश्रा)

1870 में बना था मथुरा का फांसी घर
  • 2/9

दरअसल, मथुरा जेल में सिर्फ एक ही फांसी घर है और वो महिलाओं के लिए है. पुरुषों के लिए इस जेल में फांसी घर नहीं बनाया गया है. आजतक को मथुरा के इस फांसी घर की दो तस्वीरें प्राप्त हुई हैं, जिसे देखकर फांसी घर की हालत देखी जा सकती है. चूंकि आजाद भारत में कभी किसी महि‍ला को फांसी ही नहीं दी गई इसलिए ये फांसी घर भी शायद ही कभी खुला हो. लेकिन जैसे ही राष्ट्रपति ने शबनम की दया याचिका खारिज की, उसके बाद जेल प्रशासन ने सबसे पहले उस कंपाउंड का निरीक्षण किया जहां पर फांसी घर बना है.

1870 में बना था मथुरा का फांसी घर
  • 3/9

फांसी घर के चारों तरफ एक ऊंची चहारदीवारी है और बीच में वो तख्त है जिस पर मृत्युदंड पाने वाले को लटकाया जाता है. फांसी घर का कंपाउंड करीब 400 मीटर का है. ऐसे में आसपास की खाली जमीन में क्यारियां बनी हैं जिनमें सब्जी भी उगाई जाती है.  

150 साल पुराना फांसी घर: मथुरा जेल का ये फांसी घर 1870 में अंग्रेजों ने बनवाया था. यानी आज से करीब 150 साल पहले इसे बनाया गया था. लेकिन 1947 से लेकर अब तक यहां किसी भी महिला को फांसी नहीं दी गई है और अब शबनम की दया याचिका खारिज होने के बाद मथुरा जेल के इस फांसी घर में अचानक से सरगर्मी तेज हो गई है.

Advertisement
1870 में बना था मथुरा का फांसी घर
  • 4/9

हालांकि, अभी फांसी की तारीख तय नहीं है फिर भी प्रशासन अपनी तैयारियों में जुट गया है. दरअसल, रामपुर की जेल में बंद शबनम की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है. इसके बाद ही मथुरा जेल की महिला घर के ताले खोल दिए गए. (Photos: File)

1870 में बना था मथुरा का फांसी घर
  • 5/9

जल्लाद पवन ने किया निरीक्षण: प्रदेश का इकलौता जल्लाद पवन भी मथुरा जेल का निरीक्षण कर चुका है और फांसी के तख्त और लिवर में खराबी की जानकारी जेल प्रशासन को दे चुका है. मथुरा जेल प्रशासन के मुताबिक, कुछ कमी नजर आई है जिसे वक़्त रहते दूर किया जा रहा है. अमरोहा की शबनम की दया याचिका खारिज होने के बाद अब माना जा रहा है कि उसे फांसी पर चढ़ाया जाएगा. ऐसा होता है तो देश की आजादी के बाद शबनम पहली महिला होगी, जिसे फांसी दी जाएगी.

1870 में बना था मथुरा का फांसी घर
  • 6/9

मथुरा के जेलर के अनुसार जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारियां शुरू कर दी हैं. अब डेथ वारंट का इंतजार है. शबनम को फांसी देने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगाई जा रही है. किसी को भी फांसी देने से पहले दूसरे कैदियों से अलग तन्हाई में रखा जाता है.

शबनम को फांसी होगी
  • 7/9

अगर शबनम को फांसी दी जानी होगी तो उसे पहले रामपुर से मथुरा जेल में शिफ्ट किया जाएगा. इसके बाद उसे पूरी सुरक्षा में तन्हाई में रखा जाएगा. जहां उसे तन्हाई में रखा जाएगा, उस जगह से फांसी घर की दूरी करीब 200 मीटर के आसपास है.

शबनम को फांसी होगी
  • 8/9

क्या था मामला: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव में 15 अप्रैल 2008 को शबनम नामक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. आठवीं पास प्रेमी के प्यार में पागल इस महिला ने अपने माता-पिता भाई-बहन समेत 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. 

शबनम को फांसी होगी
  • 9/9

शबनम के माता पिता प्रेमी से उसकी शादी कराने के लिए तैयार नहीं थे. बस इसी के बाद शबनम और उसके प्रेमी ने इस खूनी साजिश को अंजाम देने का फैसला कर लिया. सुप्रीम कोर्ट के बाद राष्ट्रपति भवन से भी उसकी दया याचिका खारिज हो चुकी है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement