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उत्तर प्रदेश

UP: बाराबंकी का एक ऐसा परिवार, जिसका 1952 से प्रधान की सीट पर रहा कब्जा

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यूपी में पंचायत चुनाव हो रहे हैं लेकिन इस बार बाराबंकी का चुनाव खास है. दरअसल, बाराबंकी में एक ऐसा परिवार है जो दरीगापुर ग्राम पंचायत की सीट पर आजादी के बाद से ही प्रधानी की कुर्सी पर कब्जा जमाये हुए है. 
 

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ये परिवार तहसील सिरौली गौसपुर के दरिंगापुर ग्राम पंचायत का प्रतिष्ठित हाजी परिवार है. ये परिवार 1952 से लेकर अब तक ग्राम प्रधान के पद पर बना हुआ है. इस बार कोरोना काल की वजह से प्रचार और प्रसार में कमी है लेकिन जीत के लिए हाजी परिवार पूरी तरह आश्वस्त दिख रहा है. ये हाजी मुश्ताक का परिवार इलाके में प्रतिष्ठित वर्ग में गिना जाता है जिसकी वजह से हर बार प्रधान चुने जाते हैं. इस बार भी हाजी मुश्ताक और उनकी पत्नी दोनों चुनावी मैदान में हैं. 

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जानकारी के मुताबिक, देश में जबसे पंचायत राज व्यवस्था लागू हुई है तभी से हाजी मुश्ताक के दादा हाजी मोहम्मद अली 1952 में निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने गए थे. तबसे लेकर अबतक सिरौली गौसपुर तहसील के दरिंगपुर गांव में इस परिवार का रुतबा कायम है. आजादी के बाद से अबतक जितनी बार भी प्रधानी का चुनाव हुए हैं तब से लेकर आजतक उनके परिवार का सदस्य निर्वाचित होता रहा है और सीट आरक्षित होने पर इनके घर का मुनीम चुनाव जीतता था. 

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पंचायत का चुनाव 1952 से शुरू हुआ तो मुश्ताक के दादा हाजी मोहम्मद अली निर्विरोध चुने गए और ये 1965 तक प्रधान बने रहे. इनके बाद 1965 में हाजी मोहम्मद अली के बेटे हाजी फखीर बक्श चुने गए जो लगातार 1995 तक प्रधान निर्वाचित होते रहे. इसके बाद ये सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई. तब फखीर बक्श की पत्नी हाजिरा प्रधान चुनी गईं जो 2005 तक लगातार चुनी गईं. उसके बाद इनके बेटे हाजी मुश्ताक 2005 से 2010 तक प्रधान चुने गए.

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2010 में ये सीट आरक्षित हुई तो इस परिवार ने अपने मुनीम तिलक राम रावत को प्रधानी के चुनाव में जीत दिलाकर कब्जा बरकरार रखा. 2015 में हाजी मुश्ताक ने अपनी पत्नी आसिया खातून को चुनाव लड़वाया जो 2020 तक ग्राम प्रधान रहीं. अब 2021 में पति-पत्नी दोनों चुनावी मैदान में हैं जिसमें पत्नी आसिया अपने गांव दरिंगपुर से प्रधान पद के लिए दोबारा किस्मत आजमा रहीं हैं तो वहीं हाजी मुश्ताक दोबारा फिर जिला पंचायत सदस्य बनने के लिए पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं. 

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हाजी मुश्ताक और ग्राम प्रधान आसिया खातून ने आजतक से बात करते हुए बताया कि जब देश आजाद हुआ और पंचायत राज लागू हुआ है तब से हमारे दादा, पिताजी, मां, फिर पत्नी आसिया खातून और मैं खुद अपने ग्राम दरीगापुर से प्रधान चुना गया हूं. आगामी चुनाव में मेरी किसी के साथ चुनौती नहीं हैं क्योंकि हमने अपने इलाके और गांव का विकास कराया है. हमने कभी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया इसलिए सभी धर्म के लोग हम लोगों को पसंद करते हैं. अबकी बार भी प्रधानी और ज़िला पंचायत सदस्य का चुनाव हम जीतेंगे.

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वहीं, पत्नी आसिया कहती है कि हमने गांव में महिलाओं की शिक्षा पर ध्यान दिया है. महिलाओं के लिए शौचालय बनवाया है. इसके अलावा भी कई विकास अपने ग्राम में किया है. वहीं, मुश्ताक कहते हैं कि कोरोना की वजह से चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सरकार के बताये हुए नियमों का पालन करते हुए चुनाव प्रचार करेंगे.

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