चुनावी माहौल में अपनी प्रभावी उपस्थिति न दिखा पा रही प्रदेश कांग्रेस अब नये तेवर के साथ यूपी में की राजनीति को गरमाने जा रही है. यूपी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पिछली चार रैलियों में अपेक्षाकृत भीड़ न जुटने से पार्टी मंथन करने में जुटी है.
पार्टी नेताओं को यह बात समझ में आ गई है कि समाजवादी पार्टी (सपा) भले ही केंद्र की यूपीए सरकार को समर्थन कर रही है लेकिन यूपी में अगर कांग्रेस को अपनी जड़ें मजबूत करनी हैं तो प्रदेश की सपा सरकार के विरोध में बनने वाले माहौल को ‘कैश’ करना बेहद जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर सीधा हमला बोलने की योजना तैयार ही है.
21 नवंबर को कांग्रेस ने प्रदेश की कानून व्यवस्था, केंद्रीय योजनाओं की उपेक्षा के विरोध में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का घेराव करने का कार्यक्रम तय किया है. शनिवार, 9 नवंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करके प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने सडक़ पर उतर कर समस्याओं के निस्तारण के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर अपनी मुहर लगा दी.
अभी तक सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पर सीधा हमला बालने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा पूर्वांचल के जिलों में सपा विरोधी अभियान की कमान संभालेंगे तो कानपुर में केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, बुंदेलखंड में प्रदीप जैन आदित्य जैसे नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेस सपा सरकार पर हमला बोलेगी.