पिछले डेढ़ साल से वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) के लिए जूझ रहे राजकीय शिक्षकों को अब इसका लाभ मिलने के आसार बढ़ गए हैं. शासन उनकी इस मांग पर सहमत है और शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए प्रस्ताव भी बनाकर भेज दिया है. इससे लगभग 10 हजार शिक्षक लाभान्वित होंगे. इसके साथ ही रिक्त पदों पर पदोन्नति और सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष किए जाने के लिए भी कवायद तेज हो गई है.
गौरतलब है कि राज्य शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों शिक्षा निदेशालय में अपर शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन उन्हें सौंपा था. इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विनोद सिंह की उपस्थिति में निदेशालय के अधिकारियों से संघ के प्रतिनिधियों की वार्ता हुई थी. इसमें निदेशक वासुदेव यादव, उप शिक्षा निदेशक साहब सिंह निरंजन व अन्य अधिकारी शामिल थे. संघ के अध्यक्ष पारस नाथ पांडेय ने एसीपी समेत अन्य मांगें रखीं. इस पर निदेशक ने बताया कि राज्य कर्मियों की ही भांति राजकीय शिक्षकों को भी एसीपी दिए जाने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है.
राज्यमंत्री विनोद सिंह ने कहा कि इसके लिए जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री से भी अनुरोध किया जाएगा. इस दौरान रिक्तयों के सापेक्ष भर्ती और पदोन्नति का मुद्दा भी उठा. बताया गया कि सन 2000 से प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन नहीं हुआ है. इसकी वजह से 90 फीसदी इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य नहीं हैं. शिक्षा निदेशक ने आश्वासन दिया है कि प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन जल्द ही किया जाएगा. इसके लिए वे स्वयं लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से वार्ता करेंगे.
उन्होंने बताया कि शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन हो रहा है. इसके अतिरिक्त राजकीय शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने पर भी कार्यवाही चल रही है.