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मंत्रिमंडल में फेरबदल कर अखिलेश ने खेला 'ब्राह्मण कार्ड'

बीएसपी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा 15 जनवरी को पार्टी की सावधान रैली में दलित-ओबीसी-मुसलमान की नई सोशल इंजीनियरिंग की घोषणा कर ब्राह्मणों को इससे दूर रखने के बाद यूपी की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने अब अपना पासा फेंका है.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

बीएसपी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा 15 जनवरी को पार्टी की सावधान रैली में दलित-ओबीसी-मुसलमान की नई सोशल इंजीनियरिंग की घोषणा कर ब्राह्मणों को इससे दूर रखने के बाद यूपी की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने अब अपना पासा फेंका है.

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शनिवार, 18 जनवरी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिपरिषद में फेरबदल करके 'ब्राह्मण कार्ड' खेल दिया है. सपा ने कृषि राज्यमंत्री और रायबरेली के ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय का प्रमोशन करके उन्हें कैबिनेट में जगह दी है. इसके अलावा एक और ब्राह्मण विधायक शिवाकांत ओझा को भी कैबिनेट में जगह दी गई थी. लेकिन मंत्रियों और विधायकों के स्टडी टूर में शामिल ओझा निर्धारित समय पर राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंच पाए.

यही नहीं भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और अमेठी से विधायक गायत्री प्रसाद प्रजापति का प्रमोशन करके उन्हें भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. नए फेरबदल के बाद अखिलेश यादव सरकार के कैबिनेट में दो ब्राह्मण मंत्री हो गए हैं. इसके अलावा अब एक मंत्री विजय कुमार मिश्र राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और अभिषेक मिश्र, पवन कुमार पांडेय राज्यमंत्री हैं.

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खास बात यह है कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद मुसलमानों की आलोचना झेल रही सपा सरकार ने कई दबाव होने के बावजूद किसी नए मुसलमान नेता को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी है. वर्तमान में सपा सरकार में 11 मुसलमान मंत्री हैं. कैबिनेट में शामिल शिवाकांत ओझा को राज्यपाल बाद में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. इसके बाद अखिलेश सरकार की कैबिनेट में कुल ब्राह्मण मंत्रियों की संख्या 3 हो जाएगी.

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