उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. केजीएमयू के एमबीबीएस छात्रों ने अपनी जगह जूनियर्स से परीक्षा दिलवाई. मेडिसिन एसेसमेंट टेस्ट के दौरान 2020 बैच के 21 जूनियर एमबीबीएस छात्र अपने सीनियर की जगह पर परीक्षा देते हुए पकड़े गए. एकेडमिक विभाग की डीन प्रोफेसर उमा सिंह ने तत्काल मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और 42 छात्रों को निलंबित कर दिया.
कुल 42 छात्र हुए निलंबित
प्रोफेसर सिंह ने बताया कि निलंबन के अलावा परीक्षा दे रहे सभी छात्र और छात्राओं को 8 सप्ताह के लिए कक्षाओं के साथ-साथ छात्रावास से भी निलंबित किया गया है. विभागाध्यक्ष ने परीक्षा देने वाले 21 जूनियर्स के साथ उन 21 सीनियर को भी निलंबित कर दिया है, जिनके स्थान पर यह छात्र परीक्षा दे रहे थे यानी कुल 42 लोगों को 8 सप्ताह तक क्लास और हॉस्टल से सस्पेंड किया गया है. डीन की तरफ से जारी किए गए निलंबन आदेश में 2019 के 21 स्टूडेंट्स और 2020 के एमबीबीएस के 21 छात्रों को निलंबित किया गया है.
छुट्टी पर थे सीनियर
जानकारी के मुताबिक, कुछ सीनियर छुट्टी पर थे, ऐसे में उन्होंने अपने जूनियर्स पर दबाव डाला कि वे उनके स्थान पर परीक्षा देने जाएं, जिसके लिए कुछ जूनियर्स तैयार हो गए और देखते ही देखते यह संख्या बढ़ते-बढ़ते 21 तक पहुंच गई. एक साथ इतनी संख्या में परीक्षा में बैठने की वजह से मामला खुल गया और फिर केजीएमयू प्रशासन ने इस पर कार्रवाई की.
2006 के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई
बता दें कि 2006 के बाद केजीएमयू में निलंबन की संख्या के मामले में यह दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई है. 2006 में केजीएमयू कैम्पस में हिंसा मामले में के बाद 105 छात्रों को निलंबित कर दिया गया था.