आज यानी सोमवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है. वे अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं. सुबह से ही सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई पर बधाई मिल रही है. प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने खुद मुख्यमंत्री आवास जाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. आपको यह भी बता दें कि इस दिन किसी विशेष कार्यक्रम का आयोजन नहीं है क्योंकि योगी अपना जन्मदिन नहीं मनाते.
इस खास अवसर पर aajtak.in अपने पाठकों के लिए यूपी के बहुचर्चित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में 45 बातें निकाल कर लाया है. पढ़िए, योगी आदित्यनाथ के बारे में कुछ रोचक जानकारियां...
- योगी आदित्यनाथ (अजय कुमार बिष्ट) 5 जून 1972 को उत्तरकाशी में एक गढ़वाली राजपूत परिवार में जन्म लिया.
- योगी के पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है, जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे.
- उन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की और 1987 में यहां से दसवीं की परीक्षा पास की.
- 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से योगी ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की.
- 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए योगी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े
- 1992 में गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी की परीक्षा पास की.
- कोटद्वार में रहने के दौरान योगी के कमरे से सामान चोरी हो गया था जिसमें इनके तमाम सर्टिफिकेट भी थे.
- सर्टिफिकेट के अभाव में आगे की पढ़ाई योगी आदित्यनाथ गोरखपुर विश्वविद्यालय से नहीं कर सके.
- राम मंदिर आंदोलन के प्रभाव के चलते पढ़ाई से भटका योगी आदित्यनाथ का ध्यान
- 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए.
- गोरखपुर प्रवास के दौरान ही योगी महंत की शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली.
- 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया.
- 15 फरवरी 1994 को गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी बने.
- गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था.
- योगी आदित्यनाथ का नाम लोकसभा में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के सांसदों की सूची में भी शामिल है.
- योगी आदित्यनाथ जब 12वीं लोकसभा में सांसद बनकर पहुंचे तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी.
- इसके बाद आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार सांसद चुने जाते रहे.
- 12 सितंबर 2014 को उनके गुरू महंत अवैद्यनाथ के प्राण त्यागने के बाद वह गोरखपुर मंदिर महंत यानी पीठाधीश्वर बने.
- योगी आदित्यनाथ बीजेपी के सांसद होने के साथ-साथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं.
- अप्रैल 2002 में उन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी बनाई, यह युवाओं का एक सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है.
- योगी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे.
- 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया.
- ईसाइयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया.
- 7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था. इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे.
- यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया.
- पचरुखिया कांड (सांप्रदायिक संघर्ष में फायरिंग में एक पुलिसकर्मी की मौत), मोहनमुंडेरा कांड (दलित-मुस्लिम संघर्ष के बाद मुस्लिमों के घर फूंके गए थे) में हिन्दू युवा वाहिनी के साथ योगी का नाम आया.
- 2007 में गोरखपुर दंगे में एक युवक की मौत के बाद गिरफ्तार हुए. एक महीने बाद छूटे.
- योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
- सीएम बनने के बाद योगी को मिली Z श्रेणी की सुरक्षा, उससे पहले उन्हें Y श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी.
- नई सुरक्षा व्यवस्था के तहत अत्याधुनिक हथियारों से लैस 25-28 कमांडो की टुकड़ी 24 घंटे उनके साथ रहती है. इसके अलावा सिग्नल जैमर्स से लैस एक पायलट तथा एस्कॉर्ट वाहन भी उनके साथ चलते हैं.
- सीएम योगी हमेशा लोगों को पहले समझाते हैं. न समझ पाने की स्थिति में ही नाराज होते हैं.
- योगी को झूठ से नफरत है.
- योगी किसी तीसरे की पैरवी पसंद नहीं करते.
- समय के बहुत ही पाबंद हैं योगी आदित्यनाथ.
- योगी आदित्यनाथ को किसी प्रकार की बेईमानी पसंद नहीं.
- योगी नाश्ते में दलिया और फल पसंद करते हैं. पपीता, उबले चने, मूंग नाश्ते का मुख्य हिस्सा होता है. इसके साथ ही वह रोज सुबह एक गिलास दूध भी पीते हैं.
- सब्जियों में कटहल की सब्जी योगी की फेवरेट है.
- रात के भोजन में योगी आदित्यनाथ चार रोटी, एक कटोरी दाल, खीर और मौसमी सब्जियां खाते हैं.
- सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पसंद करते हैं योगी आदित्यनाथ.
- दोपहर का भोजन योगी आदित्यनाथ कम ही करते हैं. अगर दोपहर में कुछ खाना हो तो खिचड़ी जरूर खा लेते हैं.
- भ्रष्टाचार के विरुद्ध बड़ा कदम उठाते हुए योगी आदित्यनाथ ने अपने सभी मंत्रियों से अपनी संपत्ति और पूंजी का ब्योरा 15 दिन के भीतर सार्वजनिक करने के लिए कहा था.
- मुख्यमंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के साथ आदित्यनाथ ने जारी रखा अपना सन्यासी जीवन.
- बाबरी विध्वंस के बाद रामलला के दर्शन करने वाले दूसरे मुख्यमंत्री .
- अपराध पर लगाम लगाने की कोशिश में किए ताबड़तोड़ तबादले.
- मीडिया में खुलकर कहा, कोताही बर्दाश्त नहीं होगी.