अगर आप अपनी प्रेमिका से उसके परिवारवालों की मर्जी के बिना शादी करना चाहते हैं तो कम से कम 50 हजार रुपयों का इंतजाम कर लें. इन रुपयों को प्रेमिका के नाम एक एफडी करने के बाद ही आप उसके साथ फेरे ले पाएंगे. हाइकोर्ट के आदेश पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) देवराज नागर ने प्रदेश भर में यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं.
अकसर सामने आता है कि लड़कियां प्यार की खातिर माता-पिता और नाते-रिश्तेदारों को छोड़ देती हैं. लेकिन प्रेमी से शादी के बाद धोखा मिलने पर उनका भविष्य चुनौती बन जाता है. उन्हें इसी अंधकार व अनिश्चितता से बचाने के लिए यह कवायद है. संत कबीरनगर के महुली निवासी रेखा की याचिका पर इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश पर प्रदेश में यह नई व्यवस्था शुरू की जा रही है. अब प्रेम विवाह करने वालों को अपने प्यार के भविष्य की गारंटी देनी होगी.
डीजीपी ने 13 दिसंबर को पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर इस नियम को लागू करने को कहा है. हरदोई के पुलिस अधीक्षक गोविंद अग्रवाल ने बताया कि परिजनों की मर्जी के बिना कोई प्रेमी शादी के लिए प्रेमिका को भगा ले जाता है तो उस पर अपहरण का मुकदमा दर्ज होता है. लेकिन लड़की के बालिग होने और अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ जाने पर मामला रफा-दफा हो जाता है. लेकिन अब ऐसे मामले को समाप्त कराने के लिए प्रेमी को उसकी प्रेमिका के नाम तीन साल तक के लिए 50 हजार रुपये फिक्स डिपाजिट करने होंगे. सब कुछ सही रहा तो यह धनराशि वापस मिल जाएगी. लेकिन प्रेमी अगर फरेबी निकला और जीवन संगिनी बनी प्रेमिका को ठुकराने की कोशिश, शोषण या परेशान किया तो 50 हजार रुपये तो जाएंगे ही उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.