scorecardresearch
 

UP: 'साहब! अभी मैं जिंदा हूं' की तख्ती गले में डालकर भटक रहे ये बुजुर्ग, रुला देगी कहानी

'साहब मैं जिंदा हूं' की तख्ती लटकाए घूम रहे ये सभी बुजुर्ग अपने जिंदा होने की खुद गवाही देने के लिए मजबूर हैं. सरकारी कागजों में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. इस वजह से उन्हें मिलने वाली वृद्धा पेंशन रोक दी गई.

Advertisement
X
अपने जिंदा होने की गुहार लगाते बुजुर्ग
अपने जिंदा होने की गुहार लगाते बुजुर्ग

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में मंगलवार को 6 बुजुर्ग गले में 'साहब अभी मैं जिंदा हूं' की तख्ती लटका कर डीएम के पास पहुंचे. बुजुर्ग अपने को जिंदा साबित करने की गुहार लगा रहे थे. सरकारी मशीनरी की गड़बड़ी के चलते इन बुजुर्गों को कागजों में मृत दिखाया गया है. इस वजह से उन्हें पिछले डेढ़ वर्षों से वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही है.

Advertisement

बुजुर्गों का कहना है कि पूर्व ग्राम विकास अधिकारी को रिश्वत न देने पर उन्हें सरकारी कागजों में मृत कर दिया गया. अब उन्हें मिलने वाली वृद्धा पेंशन रुक गई. सरकारी मशीनरी की लापरवाही का यह मामला महोबा तहसील क्षेत्र के ग्राम पचपहरा का है.

बुजुर्ग सरमन, गिरजा रानी, कलिया, सुरजी, नंदकिशोर और राकेश रानी सरकार से मिलने वाली वृद्धा पेंशन के सहारे अपना गुजर-बसर करते हैं. पिछले डेढ़ वर्षों से इनके खातों में पेंशन नहीं आ रही है. वे लोग समाज कल्याण विभाग गए, जहां सच जानकर उनके होश उड़ गए. उन्हें बताया गया कि वो सभी कागजों में मृत हो चुके हैं.

इसके बाद बुजुर्गों ने जिलाधिकारी को लिखित प्रार्थना पत्र के साथ-साथ एक हलफनामा सौंपा. उन्होंने बताया कि उनके जिंदा होने के बावजूद पूर्व ग्राम विकास अधिकारी ने पेंशन सत्यापन के नाम पर 500 रुपये रिश्वत न देने पर कागजों में उन्हें मरा हुआ दिखा दिया. पेंशन बंद होने से उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा है. उन्हें डेढ़ साल से वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही है. 

Advertisement

जिलाधिकारी मनोज कुमार ने पूरे मामले की जांच सीडीओ को सौंपी है. जांच के बाद पता चलेगा कि इस मामले में कोई षड्यंत्र के तहत वृद्धजनों को कागजों में मृत तो नहीं दिखाया या फिर कोई तकनीकी कमी के कारण ऐसा हुआ है. डीएम ने पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है.

 

Advertisement
Advertisement