एक तरफ मौत का मातम था तो दूसरी तरफ सुर-संगीत की महफिल जमी हुई थी. अब ये सवाल भी बड़ा लाजमी है कि जहां मौत का मातम हो वहां भला सुर-संगीत का क्या काम. पर एक तरफ जहां कई जिंदगियां नदी के पानी में डूब रहीं थीं, वहीं उनकी परवाह करने वाले गीत और संगीत में ड़ूबे हुए थे. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बरहुचा गांव के बगल में बहने वाली घाघरा नदी को पार करते समय नाव पलट जाने से सात लोगों कि मौत हो गई. नाव में कुल 21 लोग सवार थे, जिनमें चार पुरुष और बाकी महिलाएं और लड़किया थीं. मरने वालों में भी 6 महिलाएं ही हैं जो नदी पार फसल काटने गई थीं.
ये घटना रविवार देर शाम घटी, जिसकी खबर जिले के सभी आला अधिकारियों को थी. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिलाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक घटना स्थल पर जाने के बजाय बलिया के दादरी में मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रम में देर रात तक सुरों कि महफिल का हिस्सा बने रहे. जिस समय नदी में कई जिंदगियां मौत से जूझ रही थीं, उस वक्त जिले के ADM फिल्मी गानों को गाकर लोगों की तालियां बटोर रहे थे.
जब क्षेत्रीय सपा विधायक मोहम्मद रिजवी से जानने की कोशिश की गई कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी जिले के आला अधिकारी घटनास्थल पर क्यों नहीं आये? तो उनका जबाब था कि हादसा और मनोरंजन दोनों अलग-अलग हैं, आखिर मेले में भी शांति व्यवस्था देखनी पड़ती है. मोहम्मद रिजवी ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मरनवालों के परिजनो को दो-दो लाख और घायलों को पचास हजार रुपये देने कि घोषणा की है.