उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में 'एंग्री मिनिस्टर' के नाम से चर्चित नगर विकास मंत्री आजम खान लगभग सात महीने के अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार, अव्यवस्था व कार्यों में लापरवाही को लेकर दर्जनों अफसरों को निलम्बित कर चुके हैं.
अफसरों में काफी दहशत
अपने विवादित बयानों और तुनकमिजाजी को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले आजम खान के सख्त रवैये से उनके विभाग के अफसर दहशत में रहते हैं कि पता नहीं कब और किस पर मंत्री जी की नजर टेढ़ी हो जाए और मंत्री जी उसे निलम्बन का आदेश थमा दें.
मंत्री बनने के बाद सबसे पहले आजम की नाराजगी का सामना उनके गृहनगर रामपुर के एक सरकारी चिकित्सक को करना पड़ा. विगत 23 अप्रैल को आजम ने रामपुर में विलासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान ओपीडी ड्यूटी डॉक्टर रजनीश गुप्ता की थी. पता चला कि डॉ. गुप्ता ओपीडी में कभी नहीं आते. यहां आने की बजाय वह अपनी पत्नी के नर्सिग होम में बैठते हैं.
आजम सीधे डॉक्टर गुप्ता के नर्सिग होम पहुंचे. वहां उन्हें डॉक्टर गुप्ता मरीजों का इलाज करते मिले. इसके बाद आजम ने डॉक्टर रजनीश गुप्ता को गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए.
दो जुलाई को आजम ने जल निगम के अध्यक्ष की हैसियत से लखनऊ जल निगम के 25 वरिष्ठ अधिकारियों को निलम्बित कर दिया. आजम के अनुसार उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही की कई शिकायतें आ रही थीं. इनमें चार इंजीनियरों के खिलाफ उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने के भी निर्देश दिए.
विगत 11 अगस्त को आजम ने लखनऊ के वीआईपी इलाके में गंदगी देखकर नगर आयुक्त एन.पी. सिंह के निलम्बन का फरमान सुनाया. एन.पी. सिंह का तबादला करके उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया.
उसके बाद 27 अगस्त को आजम जब नगर विकास विभाग की बैठक में पहुंचे तो वहां प्रमुख सचिव प्रवीर कुमार और सचिव सुनीता चतुर्वेदी को अनुपस्थित पाया. गुस्साए आजम ने बैठक ही रद्द कर दी. उन्होंने कहा कि जब 27 से 29 तारीख तक बैठक पहले से तय थी तो इसमें अफसर अनुपस्थित कैसे रह सकते हैं.
14 अक्टूबर को आजम ने इलाहाबाद में कुम्भ मेले की तैयारियों के सम्बंध में और अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं की समीक्षा के दौरान 3 अधिकारियों को निलम्बित करने और एक अधिकारी के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
इसी तरह इलाहाबाद से सड़क मार्ग से लखनऊ आने के दौरान कुंडा और लालगोपालगंज कस्बों में सड़क किनारे और डिवाइडर पर गंदगी पाए जाने पर आजम ने कुंडा के अधिशासी अधिकारी एम.एम.जैदी और लालगोपालगंज के अधिशासी अधिकारी जे.पी. मौर्य को निलम्बित करने के आदेश दिए.
आजम को पसंद नहीं अनुशासनहीनता
आजम कहते हैं, 'मुझे अनुशासनहीनता और अव्यवस्था कतई बर्दाश्त नहीं है. जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को हमेशा ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए.'
आजम की इस कार्यशैली को लेकर कुछ मौकों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी उनकी तनातनी हुई है. बात बढ़ने पर सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को दखल देना पड़ा है.