बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार द्वारा राजधानी लखनऊ में स्थित डाक्टर अंबेडकर हरित उद्यान का नाम बदलकर प्रख्यात समाजवादी चिंतक जनेश्वर मिश्र के नाम पर रखे जाने के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी.
राज्य विधानसभा में बसपा तथा विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और विधान परिषद में उनके समकक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ‘हमने डाक्टर अंबेडकर हरित पार्क का नाम बदलकर जनेश्वर मिश्र के नाम पर करने के खिलाफ लखनऊ में धरना प्रदर्शन किया और राज्यपाल बी. एल. जोशी को ज्ञापन भी सौंपा था. उसके बाद भी अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हमारे पास डॉक्टर अंबेडकर के सम्मान की रक्षा के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाने के सिवा कोई चारा नहीं बचेगा.’
उन्होंने कहा, ‘जैसे कि हमें सपा की पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान जिलों के नाम बदले जाने के मामले में न्याय मिला था, वैसे ही हमें एक बार फिर राहत मिलने का विश्वास है.’
प्रदेश सरकार पर ‘नाम की राजनीति’ के प्रति आसक्त होने का आरोप लगाते हुए बसपा नेताओं ने कहा कि सपा ने सत्ता में आते ही दलित महापुरुषों के नाम पर शुरू की गयी विकास योजनाओं का नाम बदल डाला.
उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार को महापुरुषों के सम्मान की रक्षा से कोई लेना-देना नहीं है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं का अपमान होना आम बात हो चली है.