उत्तर प्रदेश में प्रमुख प्रतिपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी ने राज्य सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि पांच जिलों में गेहूं खरीद में जिस तरह से भारी अनियमितताएं प्रकाश में आयी हैं, उनसे लगता है कि प्रदेश में एक और बड़ा खाद्यान्न घोटाला होने वाला है.
विधानसभा में बसपा और प्रतिपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकारी खरीद योजना में गोरखपुर, फैजाबाद, सीतापुर, इलाहाबाद और शाहजहांपुर के विभिन्न क्रय केन्द्रों पर 30 जून 2012 तक खरीदा गया गेहूं अभी तक गोदामों में नहीं पहुंचा है, जिससे वर्ष 2003 से लेकर 2006 के बीच हुए 50 हजार करोड़ रुपये के खाद्यान्न घोटाले जैसे ही किसी घोटाले की आशंका पैदा हो गयी है, जिसकी जांच अब भी सीबीआई द्वारा की जा रही है.’
नेता प्रतिपक्ष मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा स्वयं किये गये गेहूं क्रय केन्द्रों के औचक निरीक्षण के बावजूद कतिपय अधिकारी और ठेकेदार कुछ निहित स्वार्थी तत्वों को लाभ पहुंचाने के लिए गरीबों का अनाज गलत ठिकाने पर लगाने में लगे हैं.
बसपा नेता ने मौजूदा खाद्य एवं रसद आपूर्ति मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की ओर इशारा करते हुए कहा कि वर्ष 2003 से 2006 के दौरान हुए हजारों करोड़ रुपये के खाद्यान्न घोटाले के समय जो मंत्री थे उन्हें ही पुन: इस विभाग का मंत्री बना दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘उसी व्यक्ति (राजा भैया) को पुन: वही विभाग दे देने का मतलब है कि सरकार ने उसे फिर से वही सब (घोटाला) करने के लिए हरी झंडी दे दी है.’
मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समय रहते चेत जाना चाहिए और नये खाद्यान्न घोटाले को अंजाम देने की कवायद में लगे अधिकारियों आदि के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करनी चाहिए.
राज्य विद्युत निगम द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र तथा पार्टी महासचिव राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों क्रमश: रायबरेली और अमेठी को 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की व्यवस्था के बारे में सवाल होने पर बसपा नेता ने कहा कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अबाध बिजली आपूर्ति होनी चाहिए, जैसी कि बसपा राज में हो रही थी.