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गोंडाः CMO, SP, DM, CDO के तबादले

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को कथित रूप से अगवा करने तथा दुर्व्यवहार के आरोप में राजस्व राज्यमंत्री विनोद सिंह से इस्तीफा लेने के बाद सरकार ने सम्बन्धित जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी तथा सीएमओ का तबादला कर दिया.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को कथित रूप से अगवा करने तथा दुर्व्यवहार के आरोप में राजस्व राज्यमंत्री विनोद सिंह से इस्तीफा लेने के बाद सरकार ने सम्बन्धित जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी तथा सीएमओ का तबादला कर दिया.

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आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि सरकार ने विनोद सिंह प्रकरण के बाद गोंडा के जिलाधिकारी अभय, पुलिस अधीक्षक कृपा शंकर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार सिंह और सीएमओ एस. पी. सिंह को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया.

उन्होंने बताया कि रोशन जैकब को गोंडा का नया जिलाधिकारी, नवनीत राणा को नया पुलिस अधीक्षक तथा मुन्नी लाल पाण्डेय को मुख्य विकास अधिकारी नियुक्त किया गया है जबकि सीएमओ का प्रभार जिले के वरिष्ठतम उप मुख्य चिकित्साधिकारी को सौंप दिया गया है.

सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने तत्कालीन राजस्व राज्यमंत्री विनोद सिंह द्वारा गोंडा के उस वक्त के सीएमओ एस. पी. सिंह को कथित तौर पर अगवा कर दुर्व्यवहार करने तथा उसके बाद हुए घटनाक्रम की जांच लखनऊ के मंडलायुक्त संजीव मित्तल को सौंपी है.

उन्होंने बताया कि सीएमओ के साथ कथित दुर्व्यवहार से लेकर सम्पूर्ण घटनाक्रम के दौरान तथा उसके बाद सभी सम्बन्धित लोगों की क्या भूमिका रही तथा इसमें अधिकारियों का क्या उत्तरदायित्व था और उसका पालन ठीक तरह से किया गया या नहीं, इसकी जांच की जाएगी.

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सूत्रों ने बताया कि लखनऊ के मण्डलायुक्त से अपनी रिपोर्ट एक हफ्ते में शासन को सौंपने की अपेक्षा की गयी है.

गौरतलब है कि गत बुधवार को अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक बीते सोमवार को राज्यमंत्री पंडित सिंह गोंडा के आफीसर्स कॉलोनी स्थित सीएमओ एस. पी. सिंह के घर में अपने साथियों के साथ जबरन घुस गये थे और मुख्य चिकित्साधिकारी एस. पी. सिंह से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) कार्यक्रम के तहत जिला स्वास्थ्य महकमे द्वारा भर्ती किये जा रहे संविदा डाक्टरों की सूची में अपने पसंदीदा लोगों को शामिल करने को कहा था.

समाचारों के अनुसार सीएमओ ने राज्यमंत्री से कहा था कि संविदा डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वह अब कुछ नहीं कर सकते. इससे आगबबूला हुए पंडित सिंह ने मुख्य चिकित्साधिकारी को जबरन अपने वाहन में लाद लिया और उन्हें स्वास्थ्य विभाग में तैनात दो लिपिकों मनोज कुमार और संजय गुप्ता के मकान में ले गये. बाद में डाक्टर सिंह और दोनों लिपिकों को पहले तो सीएमओ के शिविर कार्यालय में लाया गया और फिर उन्हें राज्यमंत्री के घर ले जाया गया जहां उनसे कथित रूप से संविदा डाक्टरों की भर्ती की नयी सूची तैयार करने को कहा गया था.

इस मामले को लेकर बवाल मचने के बाद विनोद सिंह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.

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