प्रधानमंत्री पद पर बीजेपी के भावी उम्मीदवार के नाम को लेकर आये दिन उठने वाले चर्चाओं में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम भले ही प्रमुखता से उभरता रहा हो, लेकिन कभी बीजेपी के ‘थिंक टैंक’ माने जाते रहे के एन गोविन्दाचार्य उनके स्वभाव के कारण उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के माफिक नहीं मानते.
गोविन्दाचार्य ने कहा, ‘जहां तक मेरी राय है, नरेन्द्र मोदी का संजय जोशी के प्रति व्यवहार अपने आप में पर्याप्त कारण है कि प्रधामनंत्री पद पर उनकी दावेदारी खारिज कर दी जाये.’ उन्होंने कहा कि मोदी ने बीजेपी में संजय जोशी को लेकर जिस तरह का विरोध किया और जिस तरह से उन्हें पार्टी छोडने पर मजबूर किया वह उचित नहीं था.
गोविन्दाचार्य ने कहा कि मोदी को उदारता दिखानी चाहिए थी और अब भी अच्छा होगा कि वे सार्वजनिक रुप से यह अपील करनी चाहिए कि जोशी पुन: बीजेपी में सक्रिय हो.
प्रधामनंत्री पद के भावी उम्मीदवारों को लेकर होने वाली चर्चाओं पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘दावे के दायरे को सीमित क्यों किया जाये. कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के साथ ही दिग्विजय सिंह और एके एंटनी की दावेदारी पर भी विचार क्यों न हो. दोनों उनसे ज्यादा अनुभवी हैं और दोनों की योग्यता में कोई कमी नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘इसी तरह भाजपा में लाल कृष्ण आडवाणी, डा. मुरली मनोहर जोशी से लेकर जेटली तक कई नाम है और दायरे को राजग तक बढाया जाये तो नीतीश और जदयू के अध्यक्ष शरद यादव तक तमाम योग्य लोग उपलब्ध हैं.’
गोविन्दाचार्य ने आरक्षण से लेकर बांग्लादेशियों के घुसपैठ के सवाल तक विभिन्न राजनीतिक दलों पर स्वार्थ और वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रहित में ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर दलीय स्वार्थ की राजनीति बंद होनी चाहिए.
बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने और घुसपैठियों को वापस करने के लिए सख्त कानून एवं दृढसंकल्प की जरुरत बताते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेसनीत संप्रग ही नहीं भाजपानीत राजग भी इस मुद्दे पर प्रभावी कदम उठाने में विफल रही है.