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मध्यावधि चुनाव में फायदा देख रहे हैं मुलायम

केंद्र की कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार से तृणमूल कांग्रेस द्वारा समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव सियासी उलझन से उपजी परिस्थितियों में फंसे हैं.

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केंद्र की कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार से तृणमूल कांग्रेस द्वारा समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव सियासी उलझन से उपजी परिस्थितियों में फंसे हैं.

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मुलायम सिंह यादव मध्यावधि चुनाव के पक्ष में तो हैं लेकिन वह सरकार गिराने का पाप अपने सिर पर नहीं लेना चाहते हैं. छह महीने पहले हुए चुनाव में प्रदेश की सत्ता में सपा की प्रचंड बहुमत से वापसी के बाद से मुलायम ने कई मौकों पर मध्यावधि आम चुनाव की संभावना जाहिर कर पार्टी कार्यकतरओ को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा.

वर्तमान हालात में मुलायम को पता है कि अगर लोकसभा चुनाव जल्दी यानी 2014 से पहले हो जाएंगे तो कम से कम उत्तर प्रदेश में उनको उतना ही अधिक फायदा होगा.

हालिया विधानसभा चुनाव में रिकॉर्डतोड़ बहुमत पाने वाली सपा को ऐसा जनादेश पहली बार मिला. सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू करके अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है.

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फिलहाल अखिलेश सरकार पर कोई दाग भी नहीं है. ऐसे में राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी माने जाने वाले मुलायम अखिलेश सरकार के कामकाज और उसकी स्वच्छ छवि का फायदा लोकसभा चुनाव में उठाना चाहते हैं. इसीलिए वह मध्यावधि चुनाव के पक्ष में हैं. लेकिन मुलायम के लिए ममता बनर्जी की तरह सीधे कांग्रेस-नीत केंद्र सरकार से टकराना भी फायदेमंद नहीं है.

उत्तर प्रदेश में उसकी सरकार को केंद्र से लगातार आर्थिक मदद की जरूरत पड़ती रहेगी. अगर सरकार बच जाती है तो रिश्ते खराब होने की स्थिति में सपा को भी पूर्ववर्ती मायावती सरकार की तरह केंद्रीय मदद में कथित भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है. इसीलिए मुलायम संप्रग सरकार गिराने का ठीकरा अपने सिर नहीं फोड़ना चाहते हैं. इसी रणनीति के तहत सपा फिलहाल केंद्र सरकार पर सीधा हमला करने के बजाय उसकी नीतियों को जनविरोधी करार देकर सड़कों पर संघर्ष करना चाहती है.

सपा के सांसद एवं वरिष्ठ नेता ने कहा, 'बदले हुए राजनीतिक हालात में परिस्थितियां अनुकूल दिखाई देने पर पार्टी बड़ा और कठोर फैसला भी ले सकती है.' पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने सरकार गिराने की बात से इंकार करते हुए कहा, "फिलहाल केंद्र सरकार को हमारा समर्थन है.'

इस दौरान यादव ने यह भी कहा, 'सपा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. बहुत जल्द हम अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने वाले हैं.' पार्टी को चुनाव के लिए तैयार बताने वाले यादव की बात का इशारा साफ है पार्टी अंदर ही अंदर मध्यावधि चुनाव चाहती है.

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