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संपत्ति मामलाः नसीमुद्दीन को हाई कोर्ट से राहत नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी की रिट याचिका आज खारिज कर दी. इस रिट याचिका में नसीमुद्दीन ने लोकायुक्त के एक आदेश को चुनौती दी थी.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी की रिट याचिका आज खारिज कर दी. इस रिट याचिका में नसीमुद्दीन ने लोकायुक्त के एक आदेश को चुनौती दी थी.

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15 मार्च के इस आदेश में लोकायुक्त ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके (नसीमुद्दीन के) और उनकी पत्नी के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में जांच पर ‘पुनर्विचार’ करने को कहा था.

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश अमिताव लाला और न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल की पीठ ने याचिका को ‘अपरिपक्व’ कहते हुए खारिज कर दिया.

सिद्दिकी बसपा प्रमुख मायावती के करीबी हैं और बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे.

लोकायुक्त ने सिद्दिकी के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराने की सिफारिश की थी लेकिन मायावती ने जांच के आदेश देने से मना कर दिया था.

मायावती ने कहा था कि उनके (नसीमुद्दीन के) खिलाफ लगाए गए आरोपों का मंत्री की हैसियत से कोई सरोकार नहीं है इसलिए उनके खिलाफ लोकायुक्त अधिनियम की धारा 12(4) के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. इस धारा के तहत नौकरशाह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में मुकदमा चलाया जाता है.

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सिद्दिकी और उनकी पत्नी हुस्ना ने संयुक्त रूप से दाखिल याचिका में कहा था कि एक बार लोकायुक्त की सिफारिश तत्कालीन मुख्यमंत्री ने खारिज कर दी तो फिर लोकायुक्त के पास राज्य का मुख्यमंत्री बदलने के बाद उसके पास यह सिफारिश भेजने का अधिकार नहीं है.

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