कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार के डीजल की मूल्य वृद्धि, सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या सीमित किए जाने के फैसले के कड़े विरोध के बाद भी मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले को वापस नहीं लेगी.
कांग्रेस महासचिव बी.के. हरिप्रसाद ने गुरुवार को कहा कि एफडीआई का निर्णय वापस नहीं लिया जाएगा. हमारे पास सदन (लोकसभा) में बहुमत है. पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का समर्थन किया है.
सरकार पर फैसले की वापसी का दबाव बनाने के लिए केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ गुरुवार को एनडीए, समाजवादी पार्टी, यूपीए की सहयोगी डीएमके, बीजू जनता दल, तेलुगू देशम पार्टी व वामपंथी पार्टियों ने राष्ट्रीय बंद का आयोजन किया था.
केंद्र सरकार के फैसले से नाराज तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही समर्थन वापसी की घोषणा कर चुकी है. पार्टी के सांसद शुक्रवार को प्रधानमंत्री से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के नेता तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी से सम्पर्क में हैं और डीजल के मूल्य में आंशिक कटौती एवं रसोई गैस के सिलेंडरों की संख्या बढ़ाया जा सकता है लेकिन एफडीआई के नियम जारी रहेंगे.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अगर हमने फैसला वापस लिया तो हमारी छवि प्रभावित होगी. बीजेपी के कुछ नेता भी इस कदम के समर्थक हैं. तृणमूल के समर्थन वापसी से बेपरवाह संप्रग ने कहा कि लोकसभा में उसके पास पर्याप्त बहुमत है.
कांग्रेस के लिए थोड़ी राहत समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ले कर आए. मुलायम ने कहा कि मूल्य वृद्धि बर्दाश्त नहीं कर सकते लेकिन सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए उनकी पार्टी यूपीए सरकार को समर्थन देगी. सपा के लोकसभा में 22 सांसद हैं.