नवरात्र और दशहरे के पावन पर्व में वाराणसी केंद्रीय कारा में इन दिनों कैदी भी रामलीला का मंचन कर रहे हैं. केंद्रीय कारा में बंद करीब 35 कैदी रामलीला का कर रहे हैं. राम, लक्ष्मण, रावण, मेघनाद और परशुराम से लेकर रामलीला के सभी पात्र किसी न किसी गंभीर अपराध में आजीवन कारावास या लंबी सजा काट रहे हैं.
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वाराणसी केंद्रीय कारा के जेलर ज्ञान प्रकाश ने बताया कि 15 अक्टूबर से शुरू हुई इस रामलीला में अदाकारी से लेकर साज सज्जा, संवाद लेखन और सजावट का काम जेल के ही कैदी कर रहे हैं. इसमें किसी बाहरी व्यक्ति की मदद नहीं ली जा रही. उन्होंने कहा कि कैदियों ने रामलीला के मंचन के लिए अपनी एक कमेटी बना रखी है. रामलीला में अदाकारी करने वाले कैदी करीब एक महीना पहले से अपने-अपने किरदार की रिहर्सल कर रहे हैं. जेल में रामलीला की शुरुआत पिछले साल हुई थी. इसका खर्च रोटरी क्लब ने वहन किया था, लेकिन इस साल जेल प्रशासन ही खर्च वहन कर रहा है.
प्रकाश ने कहा, 'रोटरी क्लब ने इस साल जेल में रामलीला के आयोजन में दिलचस्पी नहीं दिखाई. लेकिन हम कैदियों के बीच रामलीला के मंचन का सिलसिला बंद नहीं करना चाहते थे. इसलिए जेल के सभी अधिकारियों ने आपस में चंदा एकत्र कर रामलीला का आयोजन कराने का फैसला किया.'
रामलीला दोपहर को शुरू होती है और सूरज ढलने के साथ समाप्त हो जाती है. प्रतिदिन रामायण के अलग-अलग प्रसंगों का मंचन किया जाता है, अच्छे संवाद पर दर्शक कैदी तालियां बजाकर पात्रों की हैसलाअफजाई करते हैं. वाराणसी केंद्रीय कारा में कुल 1920 कैदी हैं. प्रकाश ने कहा कि दिन में ही रामलीला का मंचन इसलिए कराया जाता है, क्योंकि रात में प्रकाश की व्यवस्था करानी पड़ेगी. बाहर के लोगों को रामलीला देखने की अनुमित नहीं होती है, क्योंकि इससे सुरक्षा संबंधह दिक्कतें आ सकती हैं. कैदियों द्वारा की जानी वाली ये अनोखी रामलीला दशमी के दिन रावण का पुतला दहन करने के साथ समाप्त होगी. दशमी के दिन जेल के अंदर ही राम और लक्ष्मण द्वारा रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले जलाए जाएंगे. करीब 25-25 फुट के इन पुतलों का निर्माण भी जेल के कैदी ही करते हैं.
प्रकाश ने बताया कि जेल में रामलीला मंचन का उद्देश्य कैदियों को यह संदेश देना है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है. उन्होंने कहा, 'रामायाण से हमें मर्यादित आचरण की सीख मिलती है. रामलीला के जरिए कैदियों के मन में अच्छे भाव उत्पन्न होंगे और भगवान राम के जीवन से सीख लेकर वे उन्हें अपनी आगे की जिंदगी में आत्मसात करेंगे.' रामलीला में भगवान राम का किरदार जयप्रकाश निभा रहा है. वह हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है, लेकिन उसकी कामना है कि आगे वह अपराध से दूर रहे और उसका बाकी जीवन भगवान राम की कृपा से समाज की सेवा करते हुए बीते.