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गांव की महिलाओं को कम आकषर्क बताकर फंसे मुलायम, दी सफाई

समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपनी इस टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण महिलाओं को महिला आरक्षण विधेयक से फायदा नहीं होगा क्योंकि वे संभ्रांत महिलाओं की तरह आकषर्क नहीं होती हैं.

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समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपनी इस टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण महिलाओं को महिला आरक्षण विधेयक से फायदा नहीं होगा क्योंकि वे संभ्रांत महिलाओं की तरह आकषर्क नहीं होती हैं.

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मुलायम ने लंबे समय से अटके महिला आरक्षण विधेयक पर अपने संभवत: विरोध को स्पष्ट करने के लिए यह टिप्पणी की. उन्होंने बाराबंकी में एक रैली के दौरान कहा, ‘बड़े घरों की लड़कियां और महिलाएं केवल ऊपर जा सकती हैं. याद रखना, आपको मौका नहीं मिलेगा. हमारे गांव की महिला में आकषर्ण इतना नहीं.’

मुलायम ने दावा किया है कि यदि विधेयक पारित हो गया तो संभ्रांत परिवारों की महिलाएं आगे बढ जाएंगी जबकि गरीब परिवारों की महिलाएं और पीछे छूट जाएंगी. विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव है.

सपा प्रमुख की टिप्पणी के बाद उपजे विवाद पर सपा ने सफाई देते हुए कहा कि मुलायम के कहने का मतलब शारीरिक लुभावनेपन से नहीं बल्कि जनता के बीच एक राजनेता के रूप में आकषर्ण से था. सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि सपा प्रमुख ऐसी ओछी बातें नहीं करते और मुलायम का कहने का मतलब शारीरिक आकषर्ण से बिल्कुल भी नहीं था.

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उन्होंने कहा कि मुलायम के कहने का मतलब था कि शहरी क्षेत्र की महिलाओं में एक राजनेता के रूप में मतदाताओं को लुभाने के अपेक्षाकृत काफी ज्यादा गुण होते हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र की ज्यादातर महिलाएं अनपढ़ होने के कारण मतदाताओं को वोट के लिये आकषिर्त नहीं कर पाती हैं.

उधर बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने मुलायम की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं को इस आइने में देखने की मन:स्थिति से निकलने की आवश्यकता है कि वे आकषर्क हैं. ‘हम कोई वस्तु नहीं हैं. महिलाओं को बड़ा योगदान करना है.’ सपा प्रमुख ने यह बात अपनी उस दलील पर जोर देने के लिये कही थी जिसमें उनका कहना था कि महिला आरक्षण सम्बन्धी विधेयक से शहरी और ग्रामीण महिलाओं के बीच भेद और गहरायेगा.

लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग से बात करते हुए मुलायम ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक के समर्थन के बारे में विचार करेगी बशर्ते विधेयक के दायरे में दलितों, मुस्लिमों और पिछड़े वर्ग के लोगों का ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा से महसूस करते हैं कि पुरुष और महिलाओं को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए लेकिन समाज में महिलाओं का अभी भी दमन किया जाता है.’

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